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आतंकवादियों के पनाहगाह पाकिस्तान को दुनिया के सामने बेनकाब करने के लिए भारत ने बड़े स्तर पर तैयारी की है. मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग पर ग्लोबल वॉचडॉग फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की अक्टूबर के तीसरे हफ्ते में वर्चुअल मीटिंग होने वाली है.
सूत्रों से आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक इस मीटिंग में भारत अपने आठ काबिल और तेजतर्रार अफसरों की टीम के जरिए पाकिस्तान की टेरर फंडिंग का कच्चा चिट्ठा खोलने जा रहा है. इसमें भारत की ओर से नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (NIA), प्रवर्तन निदेशालय (ED) ,इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (IT) फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU), रॉ (R&AW) ,विदेश मंत्रालय के अधिकारी और रिवेन्यू डिपार्टमेंट से जुड़े हुए अधिकारी शामिल होंगे. भारत FATF में पाकिस्तान को पुलवामा हमले में पाकिस्तान की ओर से हुई टेरर फंडिंग को लेकर एक डॉजियर भी सौंपेगा.
NIA सूत्रों से आज़तक को मिली जानकारी के मुताबिक भारत ने जो डॉजियर तैयार किया है, उसमें ऐसे इलेक्ट्रॉनिक एविडेन्स है जो पाक हुक्मरानों की FATF मीटिंग के दौरान बोलती बंद कर देंगे. पुलवामा हमले की कैसे पाकिस्तान की जमीन पर स्टेट एक्टर्स की नाक के तले साजिश रची गई, ये सब डॉजियर में पुख्ता सबूतों के साथ मौजूद होगा.
डॉजियर की 5 अहम बातें
1-सूत्रों के मुताबिक डॉजियर में सबूत होगा कि कैसे पुलवामा हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर और उसके दोनों भाई- रऊफ असगर और अम्मार अल्वी, पाकिस्तान के बहावलपुर में बैठ कर जैश के आतंकी उमर फारूक को वॉयस मैसेज भेज कर पुलवामा हमले के लिए निर्देश दे रहे थे. उमर फारूक और कोई और मसूद अजहर का ही भतीजा था. उमर फारूक बाद में अपने एक अन्य साथी के साथ सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया.
2-NIA ने जैश आतंकी उमर फारूक की आतंक की कुंडली के इलेक्ट्रॉनिक एविडेन्स दस्तावेज में रखे हैं. उमर पाकिस्तानी नंबर( +92***99,+92**22) के जरिये अपने चाचा अम्मार अल्वी के दो मोबाइल नंबरों (+92311** और +92,3113****) से वॉयस मैसेज के जरिये संपर्क में था. इसी तरह उमर सेल्फी और विस्फोटक की फ़ोटो लेकर भेजता था.
3-NIA ने उमर फारूक के मोबाइल से जो वॉयस क्लिप निकाली है उसमें उसने अपने दोनों चाचाओं, रऊफ असगर और अम्मार अल्वी से पैसे मांगे थे. उमर के 2 पाकिस्तानी खातों में करीब 10 लाख 50 हज़ार रुपये जमा कराए गए. यह पैसे पुलवामा हमले को अंजाम देने के लिए जमा कराए गए. इन रुपयों का इस्तेमाल हमले को अंजाम देने वाली गाड़ी और विस्फोटक खरीदने के लिए किया गया. NIA के पास उमर के इन खातों की जानकारी है जिसको FATF में पेश कर पाकिस्तान को बेनक़ाब किया जाएगा.
4-NIA सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उमर फारूक के फ़ोन से 100 से ज्यादा वॉट्सऐप कॉल की गई थीं. अम्मार अल्वी और रऊफ असगर से उसकी बातचीत की पूरा डिटेल दस्तावेज में मौजूद रहेगी.
5-सूत्रों के मुताबिक पुलवामा हमले के लिए जैश के आतंकी 3-4 बैच में विस्फोटक सामग्री लेकर आये थे. जम्मू के इंटरनेशनल बॉर्डर के उस पार पाकिस्तान में मौजूद शकरगढ़ लॉन्च पैड से जैश के आतंकियों की घुसपैठ कराई गई. इसके लिए टनल का इस्तेमाल भी किया गया. ये सारा कच्चा चिट्ठा भी डॉजियर में शामिल किया गया है.
पाकिस्तान फिलहाल FATF की ग्रे-लिस्ट में है. आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई के संबंध में पाकिस्तान की ओर से कोई पुख्ता सबूत नहीं दिए जाने पर FATF पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट भी कर सकता है. जून में FATF की बैठक में पाया गया था कि एक्शन प्लान के 27 में से 13 बिंदुओं पर पाक ने कोई कार्रवाई नहीं की थी, इसीलिए पाकिस्तान को अक्टूबर तक ग्रे-लिस्ट में रखा गया था. 2018 से ही पाकिस्तान FATF की ग्रे-लिस्ट में है, लेकिन कई बार डेडलाइन देने के बावजूद, पाकिस्तान टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर अपनी कार्रवाईयों में पारदर्शिता नहीं दिखा सका. न ही उसने टेरर नेटवर्क के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठाने का सबूत दिया.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
सुरक्षा मामलों के जानकार मेजर जनरल पीके सहगल (रिटायर्ड) के मुताबिक भारत की कोशिशों की वजह से आज पूरी दुनिया जान गई है कि पाकिस्तान आतंकवाद की जड़ होने के साथ इसे फैला भी रहा है. उन्होंने कहा, “भारत ने अक्टूबर में FATF की बैठक में पाकिस्तान को बेनक़ाब करने की पुख्ता तैयारी की है. इसके लिए NIA का डॉजियर महत्त्वपूर्ण है जिसमें पुलवामा हमले के कई अकाट्य सबूत दिए गए हैं.”
सहगल के मुताबिक पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से ब्लैक लिस्ट में तभी आ पाएगा, जब तुर्की, चीन और मलेशिया को उसे बचाने की कोशिशें करने से रोका जाए. उन्होंने कहा, “चीन, तुर्की और मलेशिया एक बार फिर पाकिस्तन की मदद के लिए आगे आ सकते हैं. भारत को इन तीनो देशों के गठजोड़ को तोड़ना पड़ेगा, तभी पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से ब्लैक लिस्ट में लाया जा सकता है.”