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'आतंकवाद की कोई सीमा नहीं है', यूएन में बोले मुंबई हमलों के पीड़ित करमबीर सिंह कांग

मुंबई आतंकी हमले में जीवित बचे करमबीर सिंह कांग ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस समस्या को खत्म करने के लिए अपना योगदान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि आतंकवाद की कोई सीमा नहीं है.

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मुंबई हमलों के पीड़ित करमबीर सिंह कांग (फाइल फोटो)
मुंबई हमलों के पीड़ित करमबीर सिंह कांग (फाइल फोटो)

मुंबई के ताज होटल पर हुए 26/11 के सर्वाइवर ने कहा कि आतंकवाद की कोई सीमा नहीं होती है. उन्होंने इस संकट से निपटने के लिए ठोस कार्रवाई का आह्वान किया. दरअसल संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवाद पीड़ितों और हमलों में जिंदा बचे हुए लोगों का सम्मान किया है. 

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मुंबई आतंकी हमले में जीवित बचे करमबीर सिंह कांग ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस समस्या को खत्म करने के लिए अपना योगदान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि आतंकवाद की कोई सीमा नहीं है. 

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 अगस्त को आतंकवाद के पीड़ितों की याद और श्रद्धांजलि के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में स्थापित किया है. 
यह दिन दुनिया भर में आतंकवाद के सभी पीड़ितों और बचे लोगों को सम्मान देता है, याद करता है और श्रद्धांजलि देता है, वैश्विक एकजुटता के महत्व पर प्रकाश डालता है और यह सुनिश्चित करता है कि उनकी कहानियों और अनुभवों को भुलाया न जाए. इस साल, यह दिन 'विरासत: आशा की तलाश और एक शांतिपूर्ण भविष्य का निर्माण' विषय पर केंद्रित था. 

कांग ने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि सभी देश हमारा सहयोग करें और इस संकट को समाप्त करें. यह आसान नहीं है. यह कहना आसान है लेकिन करना आसान नहीं है, लेकिन अगर संकल्प हो तो कुछ भी किया जा सकता है.'' 

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ताज होटल के जनरल मैनेजर थे कांग 

कांग 26/11 के आतंकवादी हमले के समय मुंबई में ताज महल होटल के जनरल मैनेजर थे. उन्होंने इस बर्बर हमले में अपनी पत्नी और दो बेटों को खो दिया था. आतंकी हमलों के दौरान कई मेहमानों को बचाने के लिए उन्हें और उनकी टीम को ग्लोबल तारीफ मिली थी. 

 

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