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अमेरिकी सरकार ने कैलिफोर्निया की एक अदालत में कहा है कि मुंबई आतंकी हमले के मुख्य अभियुक्त तहव्वुर हुसैन राणा को भारत प्रत्यर्पित करने का रास्ता साफ किया जाए. अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि तहव्वुर हुसैन का अपराध और उसकी कानूनी स्थिति उसे भारत को हैंडओवर करने की सभी शर्तें पूरी करती है.
इसी के साथ ही 26 नवबंर 2008 को भारत की आर्थिक राजधानी मुबंई को जख्म देने वाले आतंकी तहव्वुर हुसैन के भारत प्रत्यर्पण की उम्मीदें बढ़ गई हैं. तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण के लिए पिछले साल दिसंबर में भारत ने विदेश मंत्रालय के जरिए अपील की थी. इसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) इस दिशा में लगातार काम कर रही है. इस साल नवंबर के पहले सप्ताह में NIA की टीम अमेरिका गई थी, जहां पर उन्होंने अमेरिकी प्रशासन से मुलाकात की थी.
12 फरवरी 2021 को प्रत्यर्पण पर सुनवाई
एक रिपोर्ट के मुताबिक लॉस एंजिल्स में यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट जज जैकलीन चेलोनियन ने 13 नवंबर को अपने आदेश में कहा कि तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण केस पर 12 फरवरी 2021 को सुनवाई होगी.
तहव्वुर राणा के पास भारत की ओर से प्रत्यर्पण की मांग के खिलाफ अपील करने के लिए 21 दिसंबर तक का वक्त है. अमेरिकी सरकार पर कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा के अपील पर जवाब देने के लिए एक महीने का और समय होगा.
10 जून को दोबारा गिरफ्तार हुआ था तहव्वुर राणा
59 साल का तहव्वुर राणा लश्कर आतंकी डेविड कोलमैन हेडली का दोस्त है. भारत की ओर से प्रत्यर्पण का अनुरोध मिलने पर 10 जून को अमेरिकी प्रशासन ने तहव्वर राणा को दोबारा गिरफ्तार किया था. तहव्वुर राणा पर 2008 के मुंबई आतंकी हमलों में शामिल होने का आरोप है. पाकिस्तान प्रायोजित इस हमले में 6 अमेरिकी नागरिक समेत 166 भारतीय मारे गए थे. तहव्वुर राणा को भारत ने भगोड़ा घोषित कर रखा है. तहव्वुर राणा के खिलाफ NIA की विशेष अदालत ने 28 अगस्त, 2018 को गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया था.
तहव्वुर राणा को अनुकंपा के आधार पर जून के महीने में अमेरिका की जेल से रिहा किया गया था, उसने अदालत को बताया था कि वह कोविड-19 से संक्रमित है. लेकिन उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया था.
तहव्वुर राणा का अतीत
तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था. उसने आर्मी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई की और पाकिस्तान आर्मी में 10 साल तक बतौर डॉक्टर काम किया. लेकिन तहव्वुर राणा को अपना काम पसंद नहीं आया और उसने ये नौकरी छोड़ दी.
भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने वाला तहव्वुर राणा अभी कनाड़ा का नागरिक है. लेकिन हाल में वह शिकागो का निवासी था, जहां उसका बिजनेस है. अदालत के दस्तावेजों के मुताबिक उसने कनाड़ा, पाकिस्तान, जर्मनी और इंग्लैंड की यात्राएं की है और वहां रहा है, वह लगभग 7 भाषाएं बोल सकता है.
अदालत के दस्तावेज बताते हैं कि 2006 से लेकर नवंबर 2008 तक तहव्वुर राणा ने पाकिस्तान में हेडली और दूसरे लोगों के साथ मिलकर साजिश रची. इस दौरान तहव्वुर राणा ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और हरकत उल जिहाद ए इस्लामी की मदद की और मुंबई आतंकी हमले की प्लानिंग की और इसे अमली जामा पहनाने में मदद की.
आतंकी हेडली इस मामले में सरकारी गवाह बन गया है. अमेरिकी अदालत ने उसे 35 साल की सजा सुनाई है.