आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है. यही नहीं यह भारत के सबसे अमीर मंदिरों में भी शुमार है. इस साल मंदिर में आए चढ़ावे की कीमत 833 करोड़ बताई जा रही है.
भगवान वेंकटेश्वर या बालाजी भगवान विष्णु का अवतार ही हैं. श्री वैंकटेश्वर मंदिर समुद्र तल से 3200 फीट ऊंचाई पर स्थित तिरुमला की पहाड़ियों पर बना है. हर साल यहां लाखों भक्त भगवान विष्णु के दर्शन के लिए आते हैं.
मंदिर का इस साल का लेखा-जोखा कुछ इस प्रकार है- तिरुमल तिरुपति देवस्थानम ने जनवरी 2021 से 30 दिसंबर 2021 तक हुंडी संग्रह यानी दान पात्र में 833 करोड़ रुपये आए हैं. इस दौरान यहां 1.04 करोड़ तीर्थयात्री दर्शन के लिए आए. जानकारी के मुताबिक यहां इस साल 5.96 करोड़ लड्डुओं की बिक्री (रु. 50/-) हुई है. यहां एक साल में 1.37 करोड़ अन्नप्रसादम दिए गए. कल्याणकट्टा (वह स्थान जहां तीर्थयात्री मन्नत पूरी करने के लिए मुंडन करवाते हैं) वहां 48.75 लाख श्रद्धालु आए.
आपको बता दें कि एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां सवा 2 करोड़ चढ़ावा हर दिन आता है. हर दिन यहां लगभग 1 लाख से ज्यादा लोग दर्शन के लिए आते हैं. चढ़ावे के अलावा यहां श्रद्धालु केश दान करते हैं, जिन्हें बेचने पर हर साल मंदिर को करोड़ों की कमाई होती है. माना जाता है कि तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के पास 9,000 किलो सोना. ट्रस्ट के मुताबिक, दान में आया 7,235 किलो सोना देश के दो बैंकों में जमा है. इसके अलावा 1,934 किलो सोना खजाने में रखा हुआ है. मंदिर को हुंडी यानी दान पात्र में ही हर साल 1,000 से लेकर 1200 करोड़ तक का चढ़ावा आता है.