Farm Laws Repealed: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों (Three Farm Laws) को वापस लेने का ऐलान किया. कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल नवंबर से ही आंदोलन कर रहे थे. करीब सालभर से चल रहे आंदोलन के आगे सरकार को झुकना पड़ा और तीनों कानूनों को निरस्त करना पड़ा. लेकिन क्या पीएम मोदी के ऐलान करने भर से कृषि कानून निरस्त हो गए? नहीं. कानून निरस्त करने की एक संवैधानिक प्रक्रिया होती है. वो क्या है? आइए समझते हैं...
क्या है प्रक्रिया?
- संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप ने बताया कि जो भी संशोधन होना है उसे कानून मंत्रालय (Law ministry) संबंधित मंत्रालय को भेजता है. इस मामले में कृषि मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा. इसके बाद उस संबंधित मंत्रालय के मंत्री संसद में बिल पेश करते हैं.
- तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए भी सरकार को संसद में बिल पेश करना होगा. सुभाष कश्यप बताते हैं कि संसद में बिल पेश होने के बाद उस पर बहस होगी और वोटिंग होगी. इसका बिल अगले संसद सत्र में ही पेश किया जाने की संभावना है.
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क्या हैं वो तीन कृषि कानून?
1. कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020
2. कृषक (सशक्तिकरण-संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020
3. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020
सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही लगा दी थी रोक
इन तीनों कृषि कानूनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इस पर जनवरी 2021 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया. सुप्रीम कोर्ट ने इन तीनों कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी. साथ ही एक कमेटी भी बनाई थी. हालांकि, किसान कानून वापस लेने की मांग पर ही अड़े हुए थे.