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'संसद के विशेष सत्र के दौरान सारे बड़े अफसर दिल्ली में रहें मौजूद', केंद्र सरकार का नया आदेश

सत्र के विशेष सत्र में केंद्र सरकार ने अपने संयुक्त सचिव, अतिरिक्त सचिव, सचिव को संसद के विशेष सत्र के दौरान दिल्ली में रहने को कहा गया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

केंद्र सरकार ने संसद के विशेष सत्र से पहले अपनी सरकार के संयुक्त सचिव (Joint Secretary), अतिरिक्त सचिव (Additional Secretary), सचिव (Secretary) को दिल्ली में रहने को कहा है. दरअसल सरकार ने 18 सितंबर से शुरू होकर 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है. ये सत्र G20 शिखर सम्मेलन के कुछ ही दिन बाद होगा. और ये सत्र सिर्फ पांच दिनों का होगा. 

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विशेष सत्र के एजेंडे के तौर पर तो अभी कुछ भी नहीं बताया गया है, लेकिन संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी का कहना है, अमृत काल के बीच आयोजित होने वाले इस विशेष सत्र के दौरान संसद में सार्थक चर्चा को लेकर आशान्वित हैं. 

दरअसल, संविधान के अनुच्छेद 85 (Article 85) में संसद का सत्र बुलाने का प्रावधान है. इसके तहत सरकार को संसद के सत्र बुलाने का अधिकार है. संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति निर्णय लेती है जिसे राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक रूप दिया जाता है, जिसके जरिए सांसदों (संसद सदस्यों) को एक सत्र में बुलाया जाता है. 

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विशेष सत्र में क्या होगा? स्थिति साफ नहीं

विशेष सत्र पर विपक्ष के साथ-साथ आम लोगों में भी कंफ्यूजन बनी हुई है. सबसे पहले विपक्षी दलों को कभी लगा कि देश में जल्दी चुनाव का ऐलान हो सकता है. इसके बाद चर्चा हुई कि विशेष सत्र में 'एक देश एक चुनाव' से जुड़ा प्रस्ताव सरकार लेकर आएगी. अगर ऐसा हुआ तो पंचायत स्तर से संसद तक के चुनाव एक साथ होंगे. चर्चाओं के बीच सरकार का इसपर कोई बयान नहीं आया, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी जरूर बनी जो 'एक देश एक चुनाव' पर विचार करके सरकार को रिपोर्ट देगी.

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इसी बीच संसद में महिला आरक्षण बिल आने की संभावना भी जताई गई. अब मंगलवार को कांग्रेस ने संभावना जताई है कि देश का आधिकारिक नाम बदलकर इंडिया की जगह भारत किया जा सकता है.

हालांकि, सरकार का असली अजेंडा क्या है यह समझने के लिए 18 सितंबर तक का इंतजार करना होगा. संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर को पुरानी संसद में ही शुरू होगा और 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के दिन लंच ब्रेक के बाद नए संसद भवन में दोनों सदनों की कार्यवाही चलेगी.

 

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