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मजनू बना जॉनी... बाघिन के 'प्यार' में 300 किलोमीटर दूर पहुंच गया बाघ

तेलंगाना के कवल टाइगर रिजर्व (केटीआर) में इन दिनों जॉनी नाम का एक बाघ पहुंचा है. ये महाराष्ट्र की टिपेश्वर वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी से लगभग 300 किलोमीटर चलकर आया है. माना जा रहा है कि ये बाघिन की तलाश में है.

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बाघिन के लिए 300 किलोमीटर दूर पहुंच गया बाघ
बाघिन के लिए 300 किलोमीटर दूर पहुंच गया बाघ

तेलंगाना के कवल टाइगर रिजर्व (केटीआर) में महाराष्ट्र से जॉनी नाम का एक नर बाघ आया है. निर्मल जिले में स्थित केटीआर में पिछले एक महीने से इस बाघ को देखा जा रहा है. ये महाराष्ट्र की टिपेश्वर वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी से यहां पहुंचा है. यानी जंगल और खेतों को पार करते हुए जॉनी कुल 300 किलोमीटर का सफर कर चुका है. 

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माना जा रहा है कि जॉनी अपनी साथी यानी एक बाघिन की तलाश में इतनी दूर तक आया है. उसके पूरे सफर को रेडियो कॉलर की मदद से ट्रैक किया गया है. जॉनी के इस सफर  से टिपेश्वर और कवल टाइगर रिजर्व को जोड़ने वाले वाइल्ड एनिमल कॉरिडोर के अहमियत अधिक समझ आती है.  बता दें कि कवल टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या पहले ही कम रही है और रिजर्व में बाघों के स्थायी निवास के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. 

तेलंगाना के उत्तर पूर्वी भाग (पुराना आदिलाबाद जिला) में स्थित कवल टाइगर रिजर्व के एक तरफ गोदावरी नदी है और दूसरी तरफ महाराष्ट्र की सीमा है. भारत सरकार ने 2012 में कवल वाइल्ड लाइफ सेंक्चरी को टाइगर रिजर्व घोषित किया था.

कवल टाइगर रिजर्व (केटीआर) निर्मल, मंचेरियल, आदिलाबाद और केबी आसिफाबाद जिलों में फैला हुआ है. यह सेंट्रल इंडियन टाइगर लैंडस्केप है.  यह अपनी वनस्पतियों और जीवों के लिए जाना जाता है. यह सेंक्चुरी गोदावरी और कदम नदियों का जलग्रहण क्षेत्र है, जो अभयारण्य के दक्षिण की ओर बहती हैं. कुल क्षेत्रफल: 2015.44 वर्ग किलोमीटर जिसमें से मुख्य क्षेत्र 893 वर्ग किलोमीटर है.

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