तिरुपति की एक अदालत ने सोमवार को उन चार आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जिन्हें श्री वेंकटेश्वरा स्वामी मंदिर में चढ़ाए गए प्रसाद लड्डू में मिलावट के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. आरोपियों में विपिन जैन और पविल जैन भोले बाबा डेयरी के पूर्व निदेशक हैं. अपूर्वा चौड़ा, जो वैश्वानी डेयरी से हैं और राजू राजशेखरन एआर डेयरी से हैं, शामिल हैं. इन आरोपियों को सोमवार को तिरुपति की अदालत में पेश किया गया, जहां उन्हें 20 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया.
टेंडर प्रक्रिया में छेड़छाड़
सूत्रों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित विशेष जांच दल (SIT) ने घी आपूर्ति की प्रक्रिया में गंभीर उल्लंघन पाए, जिसके बाद इन गिरफ्तारियों को अंजाम दिया गया. SIT ने आरोप लगाया कि वैश्वानी डेयरी ने एआर डेयरी के नाम पर टेंडर लिए थे और वे टेंडर प्रक्रिया में छेड़छाड़ करने में शामिल थे.
SIT ने यह भी पता लगाया कि वैश्वानी डेयरी ने यह झूठा दावा किया था कि वह भोले बाबा डेयरी से घी लेती है, जबकि वास्तविकता में भोले बाबा डेयरी में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम की मांग को पूरा करने की क्षमता नहीं थी. इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नवंबर 2024 में सीबीआई द्वारा गठित पांच सदस्यीय SIT ने शुरू की, जिसमें दो अधिकारी सीबीआई के, दो आंध्र प्रदेश पुलिस के और एक खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के प्रतिनिधि शामिल हैं.
इस मामले में राजनीतिक विवाद भी हो चुका है. जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने सितंबर में आरोप लगाया था कि पिछली सरकार के समय तिरुपति के लड्डू में पशु वसा का इस्तेमाल किया गया था, जिसके बाद यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आया.