टोक्यो पैरालंपिक्स (Tokyo Paralympics 2020) में भारत की अवनि लखेरा (Avani Lekhara) ने शूटिंग में गोल्ड मेडल जीत लिया है. पैरालंपिक्स के इतिहास में भारत का शूटिंग (Shooting) में ये पहला गोल्ड मेडल है. 19 साल की अवनि ने महिलाओं के आर-2 10 मीटर एयर राइफल के क्लास एसएच1 में पहला स्थान हासिल किया. अवनि ने नवंबर 2019 में एक इंटरव्यू में कहा था कि वो टोक्यो में मेडल जीतना चाहती हैं.
अवनि आज जिस मुकाम पर हैं, उसके पीछे उनके पिता का बहुत बड़ा हाथ है. 8 नवंबर 2001 को राजस्थान के जयपुर में जन्मीं अवनि की जिंदगी में 2012 में एक बहुत बड़ा मोड़ आया. अविन जब 11 साल की थीं, तब एक कार एक्सीडेंट में उनकी रीढ़ की हड्डी में गभीर चोट आई थी. इसके बाद वो हमेशा-हमेशा के लिए व्हीलचेयर पर आ गईं. हालांकि उन्होंने अपनी इस कमजोरी को कभी आड़े नहीं आने दिया और अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू कर दिया.
It's 🥇 for 🇮🇳
— SAI Media (@Media_SAI) August 30, 2021
Avani wins 🥇 in her debut #Paralympics
What an amazing performance by @AvaniLekhara as she wins 🇮🇳’s 1st 🥇in Para Shooting in 10m AR Standing SH1 Final with a score of 249.6 creating Paralympic Record & equalling the World Record!!!#Cheer4India #Praise4Para pic.twitter.com/Gf4S3T6V8t
Our Golden Girl @AvaniLekhara with her🥇#Paralympics #Tokyo2020 #Praise4Para #Cheer4India pic.twitter.com/6OMkSTZI28
— Doordarshan Sports (@ddsportschannel) August 30, 2021
2015 में शुरू की शूटिंग...
अवनि पढ़ाई पर ध्यान देती थीं और उनके पिता चाहते थे कि वो खेल पर भी ध्यान दें. उनके पिता ने उनसे कहा कि वो शूटिंग और तीरंदाजी दोनों में कोशिश करें और फिर कोई एक चुन लें. अवनि ने एक इंटरव्यू में बताया था, '2015 में मेरे पिता शूटिंग और तीरंदाजी दोनों में ले गए थे और मैंने दोनों की कोशिश की. पहली बार राइफल पकड़ने के बाद मुझे शूटिंग में ज्यादा जुड़ाव महसूस हुआ.'
हालांकि उनकी शूटिंग चुनने की एक वजह अभिनव बिंद्रा (Abhinav Bindra) भी हैं. अवनि ने अभिनव बिंद्रा की बायोग्राफि 'अ शॉट एट हिस्ट्री' पढ़ी, जिसके बाद शूटिंग के प्रति वो और ज्यादा गंभीर हो गई. अवनि ने 2015 में जयपुर के जगतपुरा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से शूटिंग की ट्रेनिंग शुरू की.
अभिनव बिंद्रा ने अवनि को बधाई दी. उन्होंने ट्वीट किया, 'गोल्ड है! अवनि लखेरा के शानदार प्रदर्शन से भारत ने निशानेबाजी में पहला पैरालंपिक स्वर्ण पदक जीता. बेहद गर्व! बहुत-बहुत बधाई!'
Gold it is! Brilliant display by @AvaniLekhara to win India its first Paralympic gold medal in shooting. Immensely proud ! Many Congratulations on your shot at history ! #Praise4Para #Tokyo2020
— Abhinav A. Bindra OLY (@Abhinav_Bindra) August 30, 2021
उधार की राइफल से जीता पहला मेडल
2015 में अवनि ने अपनी ट्रेनिंग शुरू की और कुछ ही महीने बाद उन्होंने राजस्थान स्टेट चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया और गोल्ड जीत लिया. इस चैम्पियनशिप के लिए अवनि ने अपने कोच से राइफल उधार ली थी. उसके कुछ महीनों बाद ही अवनि ने नेशनल चैम्पियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता. 2016 से 2020 के बीच अवनि ने नेशनल शूटिंग चैम्पियनशिप में 5 बार गोल्ड मेडल जीता. इसी साल यूएई में हुई पैरा शूटिंग वर्ल्ड कप में अवनि ने सिल्वर मेडल जीता था.
पिता बोले- दिल की धड़कनें बढ़ गई थीं
अवनि के पिता प्रवीण लखेरा राजस्थान के श्रीगंगानगर में पोस्टेड में हैं. वो रेवेन्यू विभाग में RAS अफसर हैं. अवनि की मां टोक्यो में उनके साथ है. आज तक से बात करते हुए अवनि के पिता प्रवीण ने कहा कि महीनों से लगातार मेहनत का नतीजा ये है. उनसे जब पूछा गया कि मैच के दौरान आप कैसा महसूस कर रहे थे तो उन्होंने बताया, 'मैच के दौरान स्कोर काफी ऊपर-नीचे हो रहा था, जिससे दिल की धड़कनें भी बढ़ रही थीं. रोंगटे खड़े हो गए थे.' उन्होंने बताया कि पैरालंपिक में अवनि के अभी तीन इवेंट और बाकी हैं. उन्होंने ये भी बताया कि जब वो जयपुर लौटेंगी तो उनका यहां ग्रांड वेलकम किया जाएगा.