वैसे तो आए दिन बिना इंजन के ट्रेन के ट्रैक पर दौड़ने, गलत दिशा में मालगाड़ी के दौड़ने सहित कई तरह के मामले सामने आते हैं. लेकिन अलवर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया. रेलवे अधिकारियों के कोऑर्डनेशन की कमी के चलते मथुरा से अलवर, जयपुर के रास्ते नागौर जाने वाली एक मालगाड़ी के इंजन को डीजल लेने के लिए वापस 120 किलोमीटर दूर मथुरा लौटना पड़ा. इस संबंध में रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि इंजन में कुछ तकनीकी दिक्कत थी. इसलिए इंजन को वापस बुलाया गया. जबकि जिस जगह से इंजन वापस गया. उस जगह से जयपुर की दूरी महज 140 किलोमीटर के आसपास थी.
बीते शुक्रवार को मथुरा से एक मालगाड़ी नागौर के लिए रवाना हुई. जयपुर के रास्ते में ट्रेन के ईंधन की कमी के कारण मालगाड़ी के इंजन को अलवर के पास ऊटवार स्टेशन पर रोका गया. उसके वैगनों से अलग करना पड़ा और ईंधन भरने के लिए इंजन 120 किमी दूर अपने मूल स्टेशन मथुरा वापस गया.
रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि मालगाड़ी अलवर, जयपुर के रास्ते नागौर जा रही थी. वैसे तो नागौर के रास्ते में जयपुर जंक्शन पर इंजन को ईंधन मिल सकता था. इंजन में अगर कोई तकनीकी दिक्कत थी. तो वो भी ठीक हो सकती थी. लेकिन रेलवे की इस अजीबोगरीब फैसले के कारण या पूरा मामला चर्चा का विषय बना हुआ है. रेलवे के अधिकारी अब पूरे मामले को रफा दफा करने में लगे हैं.
इस संबंध में एनसीआर रेलवे किचन संपर्क अधिकारी हिमांशु उपाध्याय ने बताया कि इंजन में तकनीकी दिक्कत थी. आगे मालगाड़ी के संचालन में परेशानी होती. इसलिए इंजन को वापस मथुरा बुलाया गया था.
इस संबंध में उत्तर पश्चिम रेलवे की जनसंख्या अधिकारी शशि किरण ने कहा की मालगाड़ी एनसीआर रेलवे की थी. जिस जॉन की ट्रेन रहती है. उस जॉन को इंजन के ईंधन की व्यवस्था करनी पड़ती है.
रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि यह घटना 21 अक्टूबर की है. एक मालगाड़ी इलेक्ट्रिक इंजन के साथ दोपहर 3 बजे मथुरा से जयपुर के लिए रवाना हुई. लेकिन रास्ते में डीग स्टेशन पर आगरा नियंत्रण विभाग ने डीजल का इंजन बदलने का फैसला किया. उस मालगाड़ी में डीजल का इंजन लगाया गया. अलवर जंक्शन के आउटर पर चालक को डीजल कम होने की जानकारी मिली.