
त्रिपुरा में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. विधानसभा चुनाव से करीब एक साल पहले सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने गुजरात और उत्तराखंड का मॉडल लागू कर दिया है. 2018 से मुख्यमंत्री रहे बिप्लब कुमार देब की विदाई हो गई है और नए मुख्यमंत्री के रूप में डॉक्टर माणिक साहा ने पद एवं गोपनीयता की शपथ भी ले ली है. पूर्वोत्तर के अहम राज्य त्रिपुरा में अब मंत्रियों के शपथ ग्रहण की बारी है.
त्रिपुरा की नवगठित माणिक साहा सरकार में कौन-कौन से नेताओं को मंत्रि बनाया जाएगा, ये लिस्ट फाइनल हो गई है. शपथ ग्रहण से पहले मुख्यमंत्री की ओर से शपथ दिलाने के लिए राज्यपाल को भेजी गई मंत्रियों की सूची सामने आई है. इस सूची के मुताबिक आज कुल 11 मंत्री शपथ लेंगे. इन 11 में से नौ बीजेपी और दो मंत्री सहयोगी आईपीएफटी के होंगे. राज्यपाल, राजभवन में नए मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे.
बीजेपी के ये नेता बनेंगे मंत्री
मुख्यमंत्री डॉक्टर माणिक साहा की ओर से राज्यपाल को भेजी गई सूची के मुताबिक आज शपथ लेने जा रहे 11 मंत्रियों में से नौ बीजेपी के हैं. बीजेपी के जिन नेताओं को मंत्री बनाया जा रहा है, उनमें सबसे पहला नाम जिष्णु देव वर्मा का है. रतन लाल नाथ, प्रणजीत सिंह रॉय, मनोज कांति देब, संतन चकमा, राम प्रसाद पॉल भी मंत्री पद की शपथ लेंगे. बीजेपी के भगवान चंद्र दास, सुशांत चौधरी, रामपद जमातिया भी डॉक्टर माणिक साहा के नेतृत्व वाली त्रिपुरा की नई सरकार में मंत्री होंगे.
आईपीएफटी से होंगे दो मंत्री
बीजेपी की गठबंधन सहयोगी आईपीएफटी के हिस्से में भी दो मंत्री पद आए हैं. आईपीएफटी के नरेंद्र चंद्र देबबर्मा और प्रेम कुमार रियांग भी माणिक सरकार में मंत्री होंगे. गौरतलब है कि त्रिपुरा की सियासत में उस समय अचानक हलचल मच गई थी जब गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद अगले ही दिन बिप्लब कुमार देब ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. त्रिपुरा बीजेपी के अध्यक्ष डॉक्टर माणिक साहा को विधायक दल की बैठक में नया नेता चुना गया था.
बीजेपी विधायक दल की बैठक में विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद डॉक्टर माणिक साहा ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. डॉक्टर माणिक साहा को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी. चुनाव से एक साल पहले मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले डॉक्टर माणिक साहा के सामने पार्टी को सत्ता में वापस लाने की चुनौती होगी.