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'ब्रांड इंडिया की छवि हो सकती है खराब, रुख साफ करे सरकार...', भारत-कनाडा तनाव पर कांग्रेस की मांग

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि कनाडा और भारत दोनों के राजनयिक संबंधों में गतिरोध के बीच जस्टिन ट्रूडो की ओर से लगाए गए आरोपों के मद्देनजर केंद्र सरकार को अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए.

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कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

भारत और कनाडा के संबंध इस समय अपने सबसे बुरे दौर में हैं. पिछले साल खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में कनाडा सरकार ने भारत सरकार पर बेहद संगीन आरोप लगाए हैं. इस बीच कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार दोनों सदनों में विपक्षी नेताओं को भरोसे में लेकर इस मामले पर अपना पक्ष स्पष्ट करे.

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि कनाडा और भारत दोनों के राजनयिक संबंधों में गतिरोध के बीच जस्टिन ट्रूडो की ओर से लगाए गए आरोपों के मद्देनजर केंद्र सरकार को अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि कनाडा और अमेरिका की ओर से भारत सरकार पर लगाए गए गंभीर आरोपों पर कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री से संसद के दोनों सदनों में विपक्षी नेताओं और अन्य पार्टी नेताओं को भरोसे में लेने को कहा है. 

उन्होंने कहा कि भारत और कनाडा के खराब होते संबंधों और भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर चिंताओं की वजह से कांग्रेस की यह मांग जरूरी है. उन्होंने कहा कि कनाडा के इन आरोपों का कई देशों ने समर्थन किया है, जिससे तनाव बढ़ सकता है और भारत की वैश्विक छवि खराब हो सकती है और ब्रांड इंडिया की छवि को नुकसान पहुंच सकता है.

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जयराम रमेश ने कहा कि विपक्ष को इस मामले की पूरी जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा की रक्षा करना हमारी संयुक्त जिम्मेदारी है. कानून के शासन में विश्वास रखने वाले और उसका पालन करने वाले देश के रूप में हमारे देश की अंतर्राष्ट्रीय छवि खतरे में है, और यह जरूरी है कि हम इसे बचाने के लिए मिलकर काम करें. राष्ट्रीय सुरक्षा व विदेश नीति पर पूरे देश का एक होना आवश्यक है. यह जरूरी है कि भारत सरकार इस मुद्दे पर तुरंत और स्पष्ट रूप से अपना रुख साफ करे.

क्या है पूरा मामला?

पूरा मामला खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़ा है. निज्जर को भारत ने आतंकवादी घोषित कर रखा है, जबकि वो कनाडा का नागरिक था. पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सर्रे में गुरुद्वारे के पास गोली मारकर हत्या कर दी थी.

पिछले साल 18 सितंबर को कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया था.

हालांकि, भारत ने हमेशा से ही कनाडा के इन बेतुका और बेबुनियाद बताते हुए खारिज किया है. सोमवार को जब कनाडाई पुलिस ने भारतीय राजनयिक और कॉन्सुलर अधिकार सीधे तौर पर या एजेंटों के जरिए जानकारी जुटाने के लिए अपने पद का फायदा उठाते हैं. इसका मतलब हुआ कि कनाडा ने सीधे-सीधे भारतीय राजनयिकों को कटघरे में खड़ा कर दिया. बाद में ट्रूडो ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन्हीं आरोपों को दोहराया.

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हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे खारिज किया और साफ कहा कि ट्रूडो ऐसा वोट बैंक की राजनीति के लिए कर रहे हैं. कनाडा के इन आरोपों के बाद भारत ने अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को भी वापस बुला लिया. भारत ने साफ कहा कि अब उन्हें कनाडा की मौजूदा सरकार पर भरोसा नहीं है.

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