रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने मंगलवार को पंडित दीनदयाल एनर्जी यूनिवर्सिटी (PDEU) के 12वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि ChatGPT जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स महत्वपूर्ण सोच का विकल्प नहीं हो सकता. भारत की प्रगति आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से नहीं, बल्कि लोगों इंटेलिजेंस से बढ़ेगी.
उन्होंने छात्रों से कहा कि भारत इस सदी के अंत से पहले दुनिया का सबसे समृद्ध देश बन जाएगा, लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि विकास पृथ्वी के पर्यावरण के लिए खतरा न बने. मुकेश अंबानी पंडित दीनदयाल एनर्जी यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष हैं.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बात करते हुए उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे AI का इस्तेमाल सीखने के टूल्स के रूप में करें, लेकिन अपनी खुद की आलोचनात्मक सोच को न छोड़ें. आपको निश्चित रूप से ChatGPT का इस्तेमाल करना चाहिए, पर हमेशा याद रखें कि हम केवल अपनी खुद की इंटेलिजेंस (बुद्धिमत्ता) से ही प्रगति कर सकते हैं, न कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से."
'कभी-भी सीखना बंद न करें'
RIL के अध्यक्ष और MD ने छात्रों को पूरी जिंदगी सीखने के लिए प्रतिबद्ध रहने की भी सलाह दी. अंबानी ने कहा, "इस तेजी से बदलती तकनीकी प्रगति के दौर में निरंतर सीखने की इच्छा कोई विकल्प नहीं, बल्कि सफलता के लिए जरूरी है. इसलिए जिज्ञासा को अपनाएं और कभी-भी सीखना बंद न करें."
अंबानी ने छात्रों को स्वच्छ ऊर्जा, जैव-ऊर्जा और डिजिटल क्रांतियों के संगम पर फोकस करने के लिए प्रेरित किया, जो मानवता के भविष्य को आकार देंगे. उन्होंने PDEU से इन क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभाने का आग्रह किया.
'माता-पिताजी से बड़ा कोई G नहीं'
अंत में उन्होंने छात्रों को अपने माता-पिता और बुजुर्गों के योगदान को कभी न भूलने की सलाह दी. उन्होंने कहा, "4G और 5G के दौर में 'माताजी' और 'पिताजी' से बड़ा कोई 'जी' नहीं है. उन्होंने आपको यहां तक पहुंचाने के लिए जो संघर्ष और बलिदान किया, उसे कभी मत भूलिए."
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि भारत दुनिया का सबसे ग्रीनेस्ट देश बने. उन्होंने कहा कि यह वो संदर्भ है, जिसमें पीडीईयू को अपने भविष्य रोल और जिम्मेदारी को देखना चाहिए.
उन्होंने कहा, "आपको रिसर्च की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और इसे एप्लिकेशन संचालित बनाना चाहिए. हमें विशेष रूप से बॉयो-एनर्जी जैसे नए क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिनमें हमारे किसानों की मदद करने और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने की क्षमता है."