भारत सरकार और ट्विटर के बीच नए नियमों को लेकर जारी विवाद अभी तक खत्म नहीं हुआ है. कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने भारत सरकार के नियमों का पालन करने की बात कही है, लेकिन ट्विटर ने अभी ऐसा नहीं किया है. अब इसी मसले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है.
वकील अमित आचार्य द्वारा ट्विटर, ट्विटर इंडिया के खिलाफ ये याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता के वकील आकाश वाजपेई ने याचिका के बारे में बताया कि ट्विटर ने तय समयसीमा में सरकार के नियमों का पालन नहीं किया है, ऐसे में अदालत में याचिका दायर की गई. सोमवार को इस मामले में अदालत में सुनवाई हुई.
सोमवार को हुई सुनवाई में ट्विटर ने अदालत को बताया है कि वो हलफनामा दायर करेंगे. ट्विटर के मुताबिक, 28 मई को रेजिडेंट ग्रिएवेंस ऑफिसर नियुक्ति कर दी है. अब इस मामले में 6 जुलाई को सुनवाई होनी है. अब इस मामले से ट्विटर इंडिया को हटा दिया गया है, क्योंकि अफसर नियुक्ति का मामला उसके अंतर्गत नहीं है.
ट्विटर और भारत सरकार में ठनी
दरअसल, 25 फरवरी में बनाए गए नए IT रूल के मुताबिक, सरकार ने साफ कर दिया था कि जिस भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के 50 लाख से ज्यादा फॉलोवर हैं, उसको अपने यहां Resident Grievance Officer की नियुक्ति करनी होगी.
अगर किसी भी यूजर को किसी भी तरह की कोई समस्या आती है या उसके खिलाफ कुछ आपत्तिजनक बात उस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर की जा रही है. इसके अलावा उसका कोई फ़र्जी अकाउंट बनाकर उसकी छवि को खराब करने की कोशिश की जाती है तो उस यूजर की शिकायत के 24 घंटे के भीतर उस पर एक्शन शुरू हो और अगले 15 दिन में शिकायत का निपटारा हो.
लेकिन ट्विटर के द्वारा अभी भी अपने यूजर्स के लिए यह सब 3 महीने की समय सीमा खत्म होने के बाद 25 मई तक नहीं किया गया है. जो आईटी रूल 2021 के तहत करना अनिवार्य था, इसलिए ट्विटर के खिलाफ ये याचिका कोर्ट में दाखिल की गई है.
भारत सरकार ने ट्विटर से भारत के कानून का पालन करने की बात कही है, तो ट्विटर की ओर से यूजर की प्राइवेसी का हवाला दिया जा रहा है. दोनों ही ओर से अपने-अपने रुख में कोई कमी नहीं की जा रही है, ऐसे में ये विवाद गहराता जा रहा है.