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सियाचिन में हुए हिमस्खलन से हादसा, सेना के दो जवान हुए शहीद

लद्दाख के सियाचिन के सब सेक्टर हनीफ में हुए हिमस्खलन की चपेट में आकर सेना के दो जवान शहीद हो गए. वहीं इस दौरान कई जवान व पोर्टर फंस गए थे, जिन्हें बचा लिया गया है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अन्य सैनिकों एवं पोर्टर की हालत है स्थिर
  • शाम सात बजे तक निकाले जा सके दोनों जवान

लद्दाख के सियाचिन के सब सेक्टर हनीफ में हिमस्खलन की चपेट में आकर सेना के दो जवान शहीद हो गए. इसमें कई जवान व पोर्टर फंस गए थे, जिन्हें बचा लिया गया है.

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जानकारी के अनुसार ये घटना रविवार अपराह्न करीब एक बजे हनीफ सब सेक्टर की है. दो जवानों को शाम सात बजे तक निकाला जा सका. इन दोनों जवानों को गंभीर चोटें आईं थी, जिसके चलते दोनों ने दम तोड़ दिया. वहीं हिमस्खलन के दौरान उस क्षेत्र में मौजूद रहे अन्य सैनिकों एवं पोर्टर की हालत स्थिर है और वे खतरे से बाहर हैं.

मौसम है सबसे बड़ा दुश्मन

यहां का मौसम सैनिकों का सबसे बड़ा दुश्मन है. यहां ऑक्सीजन की कमी, हिमस्खलन और बर्फीले तूफान जवानों के लिए बड़ी आफत हैं. यहां ज्यादातर समय शून्य से भी 50 डिग्री नीचे तक तापमान रहता है. यहां मौसम इतना खराब रहता है कि सिर्फ गन शॉट फायर करने या मेटल का कुछ भी छूने से ठंड से उंगलियां अकड़ सकती हैं, यानी फ्रॉस्ट बाइट तक हो सकती है. ज्यादा दिन रहने पर देखने और सुनने में दिक्कत आती है. याद्दाशत कमजोर होने लगती है, उंगलियां गल जाती हैं. कई बार काटने तक की नौबत आ जाती है.

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सियाचिन ग्‍लेशियर पर स्थित भारतीय सीमा की रक्षा के लिए बड़ी संख्या में सैनिक हमेशा तैनात रहते हैं. सियाचिन ग्लेशियर काराकोरम रेंज में स्थित है. हिमालय की ये जगह भारत, चीन और पाकिस्तान के बीच एक त्रिभुज के आकार में है. समुद्र तल से 16-18 हजार फीट ऊंचाई पर स्थित सियाचिन ग्लेशियर के एक तरफ पाकिस्तान की सीमा है. दूसरी तरफ चीना की सीमा अक्साई चीन इस इलाके में है. 

 

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