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केन्या में 80 दिन से लापता बालाजी के पूर्व COO, विदेश मंत्रालय बोला- हम स्थानीय अथॉरिटी के संपर्क में

केन्या में एक भारतीय नागरिक और स्टार, बालाजी के पूर्व मीडिया एग्जीक्यूटिव जुल्फिकार अहमद खान इस साल 21 जुलाई से लापता हैं. उनके दोस्तों ने एक बयान में कहा कि अब तक कुछ पता नहीं चल सका है. कोई फेसबुक या इंस्टाग्राम अपडेट नहीं है. फोन कॉल भी नहीं लग रही है. उसने कुछ दिन पहले ही अपने कुछ दोस्तों से बात की थी और वन्य जीवन के बारे में चर्चा की थी.

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स्टार और बालाजी के पूर्व सीनियर एग्जीक्यूटिव जुल्फिकार खान. (फोटो: इंस्टाग्राम / जुल्फिकार)
स्टार और बालाजी के पूर्व सीनियर एग्जीक्यूटिव जुल्फिकार खान. (फोटो: इंस्टाग्राम / जुल्फिकार)

केन्या में पूर्व मीडिया एग्जीक्यूटिव समेत दो भारतीय नागरिक 80 दिन से लापता हैं. उनके संबंध में अब तक कुछ पता नहीं चल सका है. दोनों इस साल की 21 जुलाई को आखिरी बार देखे गए थे. ये मामला सामने आने के बाद भारत के विदेश मंत्रालय का बयान आया है. MEA ने कहा है कि हम केन्याई अधिकारियों के संपर्क में हैं. वहां एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई है. इसके साथ ही स्थानीय हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन है.

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बता दें कि केन्या में एक भारतीय नागरिक और स्टार, बालाजी के पूर्व मीडिया एग्जीक्यूटिव जुल्फिकार अहमद खान इस साल 21 जुलाई से लापता हैं. उनके दोस्तों ने एक बयान में कहा कि अब तक कुछ पता नहीं चल सका है. कोई फेसबुक या इंस्टाग्राम अपडेट नहीं है. फोन कॉल भी नहीं लग रही है. उसने कुछ दिन पहले ही अपने कुछ दोस्तों से बात की थी और वन्य जीवन के बारे में चर्चा की थी. जुल्फी ने अपने दोस्तों को इस 'प्यारी' जगह की यात्रा करने की सलाह दी थी, उसके बाद वे गायब हो गए. परिवार या दोस्तों के साथ कोई संपर्क नहीं है. जुल्फिकार अहमद खान के अलावा एक अन्य भारतीय मोहम्मद जैद सामी किदवई और एक स्थानीय टैक्सी चालक निकोडेमस मवानिया भी लापता हुए हैं.

केन्या के हाईकोर्ट में भी चल रहा है मामला

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ये मामला सामने आने के बाद शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया दी है. MEA ने कहा- केन्या में 23 जुलाई से 2 भारतीय लापता हैं. इसके तुरंत बाद पुलिस में शिकायत दर्ज हुई. उसके बाद केन्याई अदालत में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की गई. ये मामला केन्याई हाईकोर्ट में विचाराधीन है. कई तारीखों पर सुनवाई हुई है. हमारा हाई कमीशन परिवार के सदस्यों और केन्याई अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है. हम इस मामले पर और अन्य सभी की तरह भारतीय नागरिक की सुरक्षा और भलाई पर सबसे ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. जबकि केन्याई अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं. हम घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रहे हैं. फिलहाल, दोनों अभी भी लापता हैं.

जुल्फीकार के दोस्तों ने पीएम मोदी से मांगी मदद

गौरतलब है कि जुल्फिकार के दोस्तों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि हम नहीं जानते कि जुल्फिकार की तलाश में कोई गंभीर तलाशी अभियान चल रहा है. हमें नहीं पता कि भारत सरकार ने केन्याई सरकार से उनके लापता नागरिक के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है या नहीं. हम ये भी नहीं जानते कि केन्या में हमारा अपना उच्चायोग किसी भी तरह से मदद कर रहा है. 

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जुल्फीकार को वापस लाया जाए

उनके दोस्तों ने कहा कि इस नोट के साथ हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने और केन्या की संबंधित सरकार से एक तलाशी अभियान शुरू करने की अपील करते हैं. जुल्फीकार को सुरक्षित घर वापस लाना चाहिए. जुल्फिकार अहमद खान ने आखिरी बार बालाजी टेलीफिल्म्स के मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) के रूप में काम किया था. इससे पहले, वह ओटीटी प्लेटफॉर्म, एचओओक्यू के प्रबंध निदेशक और इरोज नाउ के बिजनेस हेड और मुख्य राजस्व अधिकारी भी थे.

जुल्फीकार 24 जुलाई को लौटने वाले थे

जुल्फी ने अपने मीडिया करियर की शुरुआत स्टार इंडिया के साथ एक ट्रेनी के रूप में की और विज्ञापन बिक्री के वरिष्ठ उपाध्यक्ष बने, जहां उन्होंने स्टार प्लस, स्टार गोल्ड, स्टार स्पोर्ट्स, नेशनल ज्योग्राफिक और चैनल वी जैसे कई चैनलों का प्रबंधन किया. उनके दोस्तों के अनुसार, एक उत्साही यात्री के रूप में जुल्फिकार ने एक नए देश का अनुभव करने के लिए केन्या की यात्रा की थी. दोस्तों के साथ टेलीफोन पर बातचीत में उन्होंने बताया था कि वे 24 जुलाई को लौट रहे थे, लेकिन मारा नदी के पार महान प्रवास (Great Migration) को देखने के लिए साल के अंत में वापस आने की योजना बनाई थी. 

हालांकि, केन्याई मीडिया में आई खबरों के अनुसार, ये पूरा मामला राष्ट्रपति विलियम रुतो का समर्थन करने पर अपहरण का हो सकता है. जिस समय दोनों लापता हुए, उस समय रुतो विपक्ष में थे. रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि दोनों भारतीय नागरिक राष्ट्रपति विलियम रुतो के चुनाव अभियान सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) टीम में शामिल होने के लिए देश में थे.

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कोर्ट ने पेश करने का आदेश दिया था

Kenyans.co.ke के अनुसार, 'इस मामले की जानकारी रखने वाले पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लापता विदेशियों की तलाश में सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लिए गए हैं. इसके अलावा, जांच में सहायता के लिए लैंगटा में स्थित जासूसों के एक ग्रुप को भी हिरासत में लिया गया था. द स्टार के अनुसार, न्यायमूर्ति हेडविग ओंगुडी ने 28 जुलाई को आदेश दिया कि तीनों लापता व्यक्तियों को अदालत में पेश किया जाए. न्यायाधीश ने तब आदेश दिया कि मामले का उल्लेख 4 अगस्त को किया जाए, लेकिन लापता व्यक्तियों को आदेश के अनुसार पेश नहीं किया गया.

15 सितंबर को राष्ट्रीय पुलिस सेवा की आंतरिक मामलों की इकाई (IAU) को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया गया था. आईएयू से कहा गया है कि वह जांच अपने हाथ में ले लें और अब तक हुई प्रगति पर 21 दिन बाद रिपोर्ट करें. दोस्तों के अनुसार, 'अब लगभग 80 दिन हो गए हैं और अभी तक किसी को भी उसके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है. केन्या में स्थानीय पुलिस अनजान है. उन्हें देश के उच्च न्यायालय द्वारा जुल्फी को पेश करने के लिए कहा गया है, लेकिन उन्हें पता नहीं है कि वह कहां हैं. 

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केन्याई मीडिया में ऐसी खबरें भी हैं, जहां उन्होंने एक अन्य जुल्फिकार अहमद खान की गलत लिंक्डइन प्रोफाइल को उठाया और हमारे जुल्फी को 'साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ' कहा. मीडिया में उनके बारे में अधिकांश जानकारी पूरी तरह से निराधार है और बिना किसी उचित शोध के हैं. दोस्तों ने भारत सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है.

(गीता मोहन के इनपुट के साथ)

 

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