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जम्मू कश्मीर: एनकाउंटर में शहीद हुए जवानों के घर पसरा मातम, परिजनों का बुरा हाल

जम्मू-कश्मीर में शनिवार को शोपियां में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच एनकाउंटर में दो जवान शहीद हो गए. उत्तर प्रदेश के देवरिया के रहने वाले सन्तोष यादव और महाराष्ट्र के सांगली के रहने वाले रोमित तानाजी चव्हाण के गांवों में मातम पसर गया है.  

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आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए संतोष और रोमित
आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में मारे गए संतोष और रोमित
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जम्मू में आतंकी हमले में दो जवान हुए थे शहीद
  • एक जवान यूपी के देवरिया का, दूसरा महाराष्ट्र के सांगली से था

जम्मू-कश्मीर में शनिवार को शोपियां में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच एनकाउंटर हुआ. इस मुठभेड़ में एक आतंकी तो मारा गया, लेकिन देश के दो जवान शहीद हो गए. उत्तर प्रदेश के देवरिया के रहने वाले सन्तोष यादव और महाराष्ट्र के सांगली के रहने वाले रोमित तानाजी चव्हाण शहीद हो गए है. जवानों की शहादत की सूचना जब उनके गांवों पहुंची, तो दोनों ही जगह मातम पसर गया.  

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33 साल के सन्तोष यादव देवरिया के टंड़वा गांव के रहने वाले थे. उनका पार्थिव शरीर रविवार को गांव लाए जाने की सूचना है. थाना मदनपुर की पुलिस उनके घर पर कैम्प कर रही है. गौरतलब है कि शहीद सन्तोष यादव के पिता शेषनाथ यादव, थाना मदनपुर के टंड़वा गांव में रहते हैं. इनके बड़े बेटे संतोष यादव, प्रथम राष्ट्रीय रायफल्स शोपियां में तैनात हैं. छोटा बेटा मनोज यादव भी आर्मी में ही है जो श्रीनगर में पोस्टेड है.

परिजनों को सांत्वना देने के लिए इलाके के लोगों का तांता लगा हुआ है

संतोष की दो बेटियां है, एक 9 साल की जान्हवी और ढ़ाई साल की बेटी पलक. संतोष की पत्नी धर्मशीला देवी देवरिया शहर में रहकर दोनों बच्चियों को पढ़ाती थीं. वही गांव में संतोष के पिता, माता मैना देवी और इनकी तीन बहनें रहती थीं. संतोष के शहीद होने की सूचना, श्रीनगर में पोस्टेड छोटे भाई मनोज यादव ने अपने पिता को दी, जिसके बाद से घर और गांव गमज़दा हैं. 

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उधर सांगली जिले के शेगांव रहने वाले 23 साल के रोमित तानाजी चव्हाण प्रथम राष्ट्रीय रायफल के जवान थे जो आतंकवादियों की गोली का निशाना बने और शहीद हो गए. पांच साल पहले रोमित मुंबई में सेना में भर्ती हुए थे. उसके बाद मध्यप्रदेश के सागर की महार रेजिमेंट में उनकी एक साल की ट्रेंनिग हुई थी. एक साल पहले ही उनकी पोस्टिंग जम्मू काश्मीर में प्रथम राष्ट्रीय रायफल मे हुई थी. रोमित चव्हाण का पार्थिव शरीर भी रविवार शाम तक गांव में आने की उम्मीद है. रोमित चव्हाण के परिवार में उनके माता-पिता और एक बहन हैं. पूरे गांव में पर शोक की लहर है. 

आपको बता दें कि सुरक्षाबलों को इलाके में आतंकियों के होने की सूचना मिली थी. सूचना के बाद, सेना और CRPF की एक संयुक्त टीम ने इलाके को चारों तरफ से घेर लिया और तलाशी अभियान शुरू कर दिया. टीम जैसे ही एक संदिग्ध ठिकाने की तरफ बढ़ी, आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी. जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों और सेना की टीम ने भी फायरिंग की और एक आतंकी ढेर हो गया. जबकि, क्रॉस फायरिंग के दौरान राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात ये दोनों जवान घायल हो गए थे. जिन्हें बाद में श्रीनगर के 92 बेस अस्पताल में रेफर कर दिया गया था. इलाज के दौरान दोनों ने ही दम तोड़ दिया. 

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