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'कुछ लोगों को अपनी गलती देर से समझ आती है...', दो हजार के नोट पर रोक को लेकर विपक्ष ने ली सरकार की चुटकी

आरबीआई ने दो हजार के नोट को वापस लेने का फैसला किया है. इसको लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार की चुटकी ली है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि कुछ लोगों को अपनी गलती देर से समझ आती है. वहीं आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री के कम पढ़ा-लिखा होने की बात दोहराई है.

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आरबीआई ने दो हजार के नोट पर रोक लगाई (फाइल फोटो)
आरबीआई ने दो हजार के नोट पर रोक लगाई (फाइल फोटो)

आरबीआई ने शुक्रवार को दो हजार रुपये के नोट वापस लेने की घोषणा कर दी है. बैंक की ओर से कहा गया कि 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत ये फैसला लिया गया है. हालांकि आरबीआई की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि दो हजार के नोट वैध रहेंगे और लोग 23 मई से 30 सितंबर 2023 तक बैंक में जाकर नोट बदल सकते हैं. रिजर्व बैंक के इस फैसले पर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर हो गया है. 

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने चुटकी लेते हुए कहा कि पहले कर्म करो और बाद में विचार करो. जयराम ने ट्वीट किया, "हमारे स्वयंभू विश्वगुरु की खासियत है कि पहले एक्ट करो और उसके बाद विचार करो. 8 नवंबर 2016 के विनाशकारी तुगलकी फरमान के बाद इतनी धूमधाम से पेश किए गए 2000 रुपये के नोट अब वापस लिए जा रहे हैं." 

पवन खेड़ा ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल 

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने साल 2016 में हुई नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा, "8 नवंबर 2016 का भूत एक बार फिर देश को डराने आ गया है. नोटबंदी का बहुप्रचारित कदम इस देश के लिए एक बड़ी आपदा बना हुआ है. पीएम ने देश को 2000 के नए नोटों के फायदों पर उपदेश दिया था, आज जब छपाई बंद है तो उन सभी वादों का क्या हुआ? सरकार को इस तरह के कदम के लिए अपनी मंशा स्पष्ट करनी चाहिए. सरकार अपने जनविरोधी और गरीब विरोधी एजेंडे को जारी रखे हुए है." 

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अखिलेश यादव बोले- समझदारी से चलता है शासन 

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दो हजार के नोट वापस लेने पर कहा कि शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है. अखिलेश ने ट्वीट किया, "कुछ लोगों को अपनी गलती देर से समझ आती है… 2000/- के नोट के मामले में भी ऐसा ही हुआ है लेकिन इसकी सज़ा इस देश की जनता और अर्थव्यवस्था ने भुगती है. शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है.  

केजरीवाल बोले- PM पढ़ा-लिखा होना चाहिए 

वहीं आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री के पढ़े-लिखे होने की बात दोहराई. उन्होंने कहा कि अनपढ़ पीएम को कोई कुछ भी बोल जाता है, उसे मसझ आता नहीं है. भुगतना जनता को पड़ता है. केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, "पहले बोले 2000 का नोट लाने से भ्रष्टाचार बंद होगा. अब बोल रहे हैं 2000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार ख़त्म होगा. इसीलिए हम कहते हैं, PM पढ़ा लिखा होना चाहिए. एक अनपढ़ पीएम को कोई कुछ भी बोल जाता है. उसे समझ आता नहीं है. भुगतना जनता को पड़ता है." 

2016 में लॉन्च किया गया था 2000 का नोट 

बता दें कि नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद 2000 हजार रुपये का नोट लॉन्च किया गया था. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, फिलहाल 3.62 लाख करोड़ रुपये के 2000 के नोट सर्कुलेशन में हैं. लेकिन ट्रांजेक्शन बेहद कम हो रहा है. आरबीआई के मुताबिक, 2018-19 में ही 2000 रुपये का नोट छपना बंद हो गया था. पिछले तीन साल में धीरे-धीरे 2000 के नोट सर्कुलेशन में भी बेहद कम हो गए थे. 

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