राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की हत्या के मामले में NIA दोनों आरोपियों को जयपुर कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेने के बाद जांच राजस्थान में ही करेगी. फिलहाल आरोपियों को दिल्ली लाने की कोई बात नहीं सामने आई है. एनआईए के आईजी रैंक के अधिकारी राजस्थान पहुंच गए हैं. इस जघन्य हत्याकांड की जांच 10 अधिकारियों की टीम करेगी. वहीं एनआईए ने यह भी कहा है कि आरोपियों के किसी आतंकी संगठन से जुड़े होने के सबून नहीं मिले हैं.
एनआईए के मुताबिक, हत्या की वारदात को अंजाम देना सिर्फ दो लोगों का काम नहीं, बल्कि एक ग्रुप का काम है. इन दोनों के पीछे भी लोग हैं. एनआईए ने कहा कि फिलहाल आरोपियों के किसी बड़े आतंकी संगठन से जुड़े होने के सबूत अभी नहीं मिले हैं. इस हत्याकांड को पूरी तैयारी और साजिश के बाद अंजाम दिया गया. फिलहाल दोनों आरोपियों को 13 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
एनआईए का कहना है कि जिस तरह से घटना को अंजाम दिया गया और जिस तरह वीडियो बनाया गया, उसके पीछे कोई खास प्लान था. जांच में और लोगों के शामिल होने की पूरी आशंका है. यह एक बड़ा ग्रुप हो सकता है और उन्हीं का काम लग रहा है. इस तरह की वारदात को अंजाम देकर आरोपी अपनी कम्युनिटी में हीरो बनना चाह रहे थे. शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि कन्हैयालाल पर पहले से नजर रखी जा रही थी. उसकी हर एक एक्टिविटी पर आरोपियों की नजर थी.