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विपक्ष के महाजुटान में महबूबा के बगल में ही क्यों बैठे थे उद्धव ठाकरे, खुद बताई वजह

पटना में विपक्षी दलों की बैठक में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के बगल में बैठने को लेकर भाजपा के निशाने पर आए उद्धव ठाकरे ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा किया था. उन्होंने इस दौरान बीजेपी को पुरानी तस्वीर भी याद दिलाई.

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विपक्षी बैठक में महबूबा मुफ्ती के बगल में बैठे नजर आए थे उद्धव ठाकरे (Photo-PTI)
विपक्षी बैठक में महबूबा मुफ्ती के बगल में बैठे नजर आए थे उद्धव ठाकरे (Photo-PTI)

पटना में शुक्रवार को हुई विपक्ष की बैठक में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के बगल में बैठने को लेकर बीजेपी उद्धव ठाकरे पर हमलावर है. अब  शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पलटवार करते हुए बताया कि वह जानबूझकर महबूबा मुफ्ती के बगल में बैठे थे. पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ठाकरे ने दावा किया कि इस दौरान मुफ्ती ने उन्हें बताया कि भाजपा के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन इस शर्त पर हुआ था कि संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त नहीं किया जाएगा.

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इससे पहले बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा था कि विपक्षी दल केवल अपने वंश को बचाने के लिए एक साथ आ रहे हैं. फड़णवीस ने कहा, 'उद्धव ठाकरे जम्मू-कश्मीर में मुफ्ती की पार्टी के साथ गठबंधन करने के लिए भाजपा की आलोचना करते थे, लेकिन अब वह उनके बगल में बैठे हैं और गठबंधन बनाने की बात कर रहे हैं.'

बताई वजह

ठाकरे ने जवाब देते हुए कहा, 'मैं जानबूझकर उनके बगल में बैठा था. जो लोग आपके (बीजेपी) साथ गठबंधन करते हैं वे पाक- साफ हैं. जब आप महबूबा के साथ गए तो आपने हिंदुत्व छोड़ दिया? हम आपके नकली हिंदुत्व का बुर्का फाड़ देंगे.' ठाकरे ने सभा की तस्वीरें भी दिखाईं जिनमें मुफ्ती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित शीर्ष भाजपा नेताओं के साथ नजर आ रही हैं.

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व्हाट्सऐप चैट का किया जिक्र

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने हिंदुत्व नहीं छोड़ा है, उद्धव ने कहा, 'मैं अपने परिवार को लेकर बहुत संवेदनशील हूं. इतना नीचे मत गिरो. आपका (फडणवीस) भी एक परिवार है, और आपके परिवार के बारे में व्हाट्सएप चैट खुले में हैं.' दरअसल ठाकर यहां फड़नवीस की पत्नी अमृता फड़नवीस और कथित क्रिकेट सट्टेबाज अनिल जयसिंघानी और उनकी बेटी अनिक्षा के बीच फोन पर हुई बातचीत का जिक्र कर रहे थे. अमृता फड़नवीस से रिश्वत और जबरन वसूली की कथित मांग से संबंधित मामले में जयसिंघानी, अनीक्षा और उनके चचेरे भाई निर्मल के खिलाफ दायर आरोप पत्र का हिस्सा हैं.

फडणवीस का पलटवार

पलटवार करते हुए फडणवीस ने कहा कि वह, उनका परिवार और भाजपा एक खुली किताब की तरह हैं. उन्होंने कहा, व्हाट्सएप चैट को एक उद्देश्य के साथ आरोप पत्र में शामिल किया गया था. वहीं फड़नवीस का बचाव करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि परिवार के सदस्यों को राजनीति में घसीटा जा रहा है. शिंदे ने ठाकरे को 'अहसान फरामोश' करार देते हुए कहा कि फड़णवीस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों ने अतीत में उनकी मदद की थी.

शिंदे भी उद्धव पर बरसे

शिंदे ने एक ट्वीट में कहा कि पटना में विपक्ष की बैठक के बाद उनका और 39 अन्य शिवसेना विधायकों का पिछले साल ठाकरे के खिलाफ की गई बगावत सही साबित हुई. शिंदे ने ठाकरे पर हिंदुत्व छोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, पीडीपी और जनता दल यूनाइटेड की लीग में शामिल हो गए हैं, जिनकी शिवसेना संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे ने कड़ी आलोचना की थी.

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उन्होंने कहा कि इन्हीं लोगों ने राम मंदिर निर्माण, धारा 370 के खात्मे और हिंदुत्व का भी विरोध किया था. शिंदे ने कहा कि विपक्षी दलों का एक साथ आना एक तरह से मोदी के नेतृत्व की जीत है.

 

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