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अतीक अहमद के गुर्गों पर एक्शन, जानें कब होती है बुलडोजर की कार्रवाई, पुलिस को क्या हैं अधिकार

यूपी सरकार लगातार माफिया और अपराधियों की संपत्तियों पर बुलडोजर की कार्रवाई कर उनकी कमर तोड़ रही है. प्रयागराज में हाल ही में हुए उमेश पाल मर्डर केस के अपराधियों की संपत्तियों पर भी एक्शन किया जा रहा है. बुलडोजर की कार्रवाई कब की जाती है और पुलिस के पास क्या अधिकार हैं, आइए जानते हैं.

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अतीक अहमद के गुर्गों पर बुलडोजर का एक्शन (फाइल फोटो)
अतीक अहमद के गुर्गों पर बुलडोजर का एक्शन (फाइल फोटो)

यूपी के प्रयागराज में उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने वाले अपराधियों की संपत्तियों पर प्रशासन का बुलडोजर चल रहा है. इससे पहले भी माफिया और अपराधियों की संपत्ति पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई है. ऐसे में ये जानना  जरूरी हो जाता है कि बुलडोजर का एक्शन कब होता है. दरअसल जिन संपत्तियों पर बुलडोजर चलता है, वो तीन तरह की होती हैं, जिसमें अपराध से अर्जित संपत्ति, सरकारी जमीन को कब्जा कर बनाई गई संपत्ति और बिना स्थानीय प्रशासन की अनुमति के बनाई गई संपत्ति शामिल होती है. 

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कैसे होती है बुलडोजर की कार्रवाई?  

सबसे पहले अपराध से अर्जित संपत्ति की बात करते हैं. जब किसी व्यक्ति पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज होता है तो उस मुकदमे में गैंगस्टर अधिनियम के 14 (1) के तहत संपत्ति जब्तीकरण की कार्रवाई की जाती है. इसमें आरोपी के ऊपर दर्ज हुए पहले मुकदमे के बाद से अर्जित की गई पूरी संपत्ति अपराध से अर्जित संपत्ति मानी जाती है यानी माना जाता है कि उस व्यक्ति ने यह संपत्ति अपराध से बनाई है जिसे गैरकानूनी मानकर जब्त किया जाता है.  

दूसरी संपत्ति सरकारी जमीन को कब्जा कर बनाई जाती है उस सरकारी जमीन को खाली कराने के लिए उस इमारत का ध्वस्तीकरण किया जाता है, जिसे स्थानीय प्रशासन या विकास प्राधिकरण के द्वारा चिन्हित कर कराया जाता है कि यह सरकारी जमीन है और इस पर बनी इमारत अवैध है, जिसको बुलडोजर से गिरा दिया जाता है.  

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तीसरी उस संपत्ति पर बुलडोजर चलता है जो स्थानीय विकास प्राधिकरण या नगर निगम के द्वारा बिना नक्शा पास करवाए बनवाई जाती है. बिना नक्शा पास करवाए खड़ी की गई उस इमारत को अवैध बताकर ध्वस्तीकरण करवाया जाता है.  

पूर्व डीजीपी एके जैन का कहना है पुलिस को कहीं भी किसी भी प्रावधान में किसी भी संपत्ति के ध्वस्तीकरण का अधिकार नहीं है, वह सिर्फ प्राधिकरण या नगर निगम के द्वारा सरकारी जमीन या बिना नक्शा पास करवाए की गई कार्रवाई में सुरक्षा के लिए खड़ी हो सकती है किसी मकान को गिरवा नहीं सकती है.  

प्रयागराज में क्यों चला बुलडोजर?  

प्रयागराज में चौथे दिन भी बुलडोजर का एक्शन जारी रहा. तीसरे दिन यह बुलडोजर प्रयागराज कौशांबी हाईवे पर स्थित पुरामुफ्ती थाना क्षेत्र के मसकुद्दीन के मकान पर चला. मसकुद्दीन ने एयर फोर्स स्टेशन की जमीन पर कब्जा कर मकान बनावाया था जिसकी शिकायत प्रयागराज में स्थित एयरफोर्स के विंग कमांडर ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण से की थी.  

क्या था पूरा मामला?  

प्रयागराज में एयरफोर्स का बेस स्टेशन है जिसके विंग कमांडर टीडी सिंह को बीते 13 सितंबर 2022 को एक लिखित शिकायत मिली जिसमें कहा गया कि पूरामुफ्ती के असरौली में रहने वाले मसकुद्दीन के एयर फोर्स स्टेशन से सटी दीवार के प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध भवन मकान बनवाया जा रहा है. इस शिकायत के मिलने के बाद एयर फोर्स ने इसकी जानकारी सचिव प्रयागराज विकास प्राधिकरण को दी जिसमें कहा गया कि मसकुद्दीन और उसके भतीजे असलुब ने अवैध भवन निर्माण करवाया है.  

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इस संबंध में एयरफोर्स की तरफ से 22 सितंबर 2022 को पत्र लिखा गया. साथ ही यह भी कहा गया कि मसकुद्दीन और उसके भतीजे असलुब के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करें, एफआईआर दर्ज करवाई जाए. बीते 21 नवंबर 2022 को  एयर फोर्स के लैंड मैनेजमेंट सेल ने भी प्रयागराज विकास प्राधिकरण को पत्र लिखा था. जिसके बाद प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने पहले मसकुद्दीन को नोटिस भेजा और 3 मार्च को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की है. 

 

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