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संयुक्त राष्ट्र अधिकारी ने हाथरस-बलरामपुर घटना पर जताई चिंता, विदेश मंत्रालय ने बताया गैरजरूरी बयान

भारत में संयुक्त राष्ट्र की रेसिडेंट कॉर्डिनेटर रेनेटा की ओर से हाथरस-बलरामपुर की घटना पर टिप्पणी की गई, जिसपर विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है.

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हाथरस की घटना को लेकर देशभर में हो रहा प्रदर्शन
हाथरस की घटना को लेकर देशभर में हो रहा प्रदर्शन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हाथरस घटना पर UN अधिकारी का बयान
  • भारत ने बताया गैरजरूरी कमेंट
  • ऐसे मामलों में सख्ती जारी: विदेश मंत्रालय

उत्तर प्रदेश के हाथरस और बलरामपुर की घटना ने हर किसी को झकझोर दिया है. अब इस मामले की गूंज संयुक्त राष्ट्र तक पहुंच गई है. भारत में संयुक्त राष्ट्र की रेसिडेंट कॉर्डिनेटर रेनेटा की ओर से हाथरस-बलरामपुर की घटना पर टिप्पणी की गई, जिसपर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि किसी गैरजरूरी बाहरी एजेंसी के कमेंट्स पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है.

संयुक्त राष्ट्र अधिकारी रेनेटा ने अपने बयान में कहा था कि हाथरस और बलरामपुर की घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि किस तरह समाज में अभी भी जाति और जेंडर के नाम पर घृणा है. ऐसे में जरूरी है कि प्रशासन ऐसी घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई करे और पीड़ित परिवार को हर तरह का सपोर्ट पहुंचाए.

इसी बयान पर विदेश मंत्रालय की ओर से जवाब दिया गया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि ये सभी गैरजरूरी बयान हैं, संयुक्त राष्ट्र की अधिकारी को ये ध्यान में रखना चाहिए कि भारत में सरकार इस तरह के मामलों से गंभीरता से निपटती है.  

विदेश मंत्रालय ने कहा कि क्योंकि अभी इस मामले में जांच चल रही है, ऐसे में किसी बाहरी एजेंसी के द्वारा किए गए गैरजरूरी कमेंट पर ध्यान देना जरूरी नहीं है. उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास रहा है कि यहां हर तबके के लोगों को न्याय मिलता है. 

संयुक्त राष्ट्र अधिकारी की ओर से कहा गया था कि भारत में महिलाओं और युवतियों की सुरक्षा, भविष्य के लिए सरकार के जो फैसले हैं, वो स्वागत योग्य हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन की बात कही है वो भी बढ़िया है. 

इस बयान को लेकर देश में भी राजनीति शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने यूपी सरकार पर निशाना साधा. संजय सिंह ने लिखा कि योगी जी संयुक्त राष्ट्र समेत पूरी दुनिया में आपकी सरकार की थू-थू हो रही है, आपकी नाकामियों के कारण भारत की छवि धूमिल हो रही है, बेटियों को सुरक्षा नहीं दे सकते तो इस्तीफ़ा क्यों नहीं दे देते?

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