केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज देश का बजट (Union Budget 2022) पेश किया. इस बजट में कृषि, इंफ्रा से लेकर डिजिटल करेंसी के लिए बड़े एलान किए गए हैं. बजट के बाद केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajiv Chandrashekhar) ने कहा, दो साल कोरोना महामारी का प्रभाव सिर्फ भारत नहीं पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. ऐसे में हमारा पहला मकसद अर्थव्यवस्था को दोबारा से पटरी पर लाना था.
दुनिया के सबसे ज्यादा एफडीआई हमारे देश में आई है. इस बजट में पिछले साल के रोडमैप को आगे बढ़ाने की दिशा में काम किया है. मिडिल क्लास के बारे में बोलते हुए चंद्रशेखर ने कहा, जब अर्थव्यवस्था बढ़ती है तो सबसे ज्यादा फायदा राजनेता को नहीं बल्कि मिडिल क्लास परिवार को ही होता है. इनकम टैक्स पर बोलते हुए चंद्रशेखर ने कहा, 'सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कें बनवा रही है ये सभी चीजें आम जनता के लिए ही हैं.'
ये बहुत ही प्रगतिशील बजट: नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत
वहीं, बजट पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, 'ये बहुत ही प्रगतिशील बजट है, ये पिछले साल के बजट की निरंतरता में है' इस बजट से भारत की लंबे समय तक ग्रोथ होगी, इसकी खासियत ये है कि ये पूंजीगत व्यय पर फोकस करता है. पिछले साल 5.54 लाख करोड़ दिए गए थे इसे बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ कर दिया गया है.'
वित्त मंत्री ने जो अपने बजट भाषण में बताया उसके अनुसार कैपिटल गुड्स पर आयात शुल्क में छूट को खत्म करते हुए 7.5 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया गया है. इमिटेशन ज्वैलरी के आयात को कम करने के लिए कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई, विदेशी छाता महंगा होगा.
इस बजट से होगा रोजगार का सर्जन
पूर्व वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने बजट पर बोलते हुआ कहा, देश में 80 करोड़ ऐसे लोग हैं जिन्हें प्रधानमंत्री योजना के तहत फ्री राशन दिया जा रहा है. ईज ऑफ लिविंग में जो सरकार ने काम किया है उसका लाभ देश की जनता को मिला है. देश में सबसे ज्यादा अहम काम है वह है रोजगार का सर्जन करना और वो इस बजट से देश में होगा.