केंद्र सरकार ने 2025 के लिए कोपरा (नारियल का सूखा गूदा) का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय कर दिया है. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिए गए इस फैसले के तहत मिलिंग कोपरा का एमएसपी ₹11,582 प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा का एमएसपी ₹12,100 प्रति क्विंटल तय किया गया है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'यह फैसला किसानों के कल्याण के लिए उठाया गया बड़ा कदम है. यह प्रधानमंत्री की किसानों की जिंदगी को बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. हमारे देश में कोपरा उत्पादन में सबसे ज्यादा हिस्सा कर्नाटक का है.'
उन्होंने बताया कि कोपरा की खरीद के लिए NAFED और NCCF को केंद्रीय नोडल एजेंसी बनाया गया है. इसके अलावा राज्य सरकारों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. राज्य सरकार के निगमों के सहयोग से इस खरीद प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा.
यह फैसला किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने और उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है. कोपरा उत्पादन में लगे किसानों को इस घोषणा से बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद है.
कोपरा सूखे नारियल के गूदे को कहते हैं, जो नारियल का मुख्य उत्पाद है. इसे नारियल के छिलके और पानी को हटाने के बाद धूप में सुखाकर तैयार किया जाता है. कोपरा का उपयोग मुख्य रूप से नारियल तेल निकालने और पशु आहार में किया जाता है. इसे दो प्रकारों में बांटा जाता है-
मिलिंग कोपरा (Milling Copra)
मिलिंग कोपरा उच्च गुणवत्ता का सूखा नारियल गूदा होता है, जिसका उपयोग नारियल तेल निकालने के लिए किया जाता है. इसे नारियल के गूदे को अच्छे से सुखाकर और स्वच्छ तरीके से तैयार किया जाता है. मिलिंग कोपरा का मुख्य उद्देश्य तेल उत्पादन होता है, इसलिए इसे अधिक शुद्धता और सफाई के साथ तैयार किया जाता है.
बॉल कोपरा (Ball Copra)
बॉल कोपरा गोल आकार का सूखा नारियल गूदा होता है. इसे पूरे नारियल को सुखाकर तैयार किया जाता है. बॉल कोपरा का उपयोग मुख्य रूप से मिठाइयों और प्रसाद बनाने में किया जाता है. यह खाने और धार्मिक कार्यों के लिए अधिक उपयुक्त होता है, क्योंकि इसमें गुणवत्ता और स्वाद पर अधिक ध्यान दिया जाता है.