शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान कर दिया था. इसके बाद अब खबर है कि इस बुधवार होने वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कृषि कानून को वापस लेने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी.
कानून वापसी का ये ऐलान करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि हम किसानों को समझा नहीं सके इसलिए इन कानूनों को वापस ले रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि कानून वापस ले रहे हैं लेकिन हम अपने प्रयासों के बावजूद किसानों के हित की बात कुछ किसानों को समझा नहीं पाए. इसको समझाने का भरपूर प्रयास किया गया लेकिन हम असफल रहे.
गौरतलब है कि केंद्र द्वारा लाए गए कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय ले किसान सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में सरकार के इस फैसले से उन्हें आखिरकार राहत मिली है. हालांकि किसान नेताओं का कहना है कि सरकार के साथ अभी भी कई मुद्दों पर बात बाकी है.
कानून वापसी के ऐलान के बाद भी किसान नेताओं ने सरकार पर पूरी तरह भरोसा नहीं दिखाया है. किसान नेता राकेश टिकैत ने तंज करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को इतना मीठा भी नहीं होना चाहिए. 750 किसान शहीद हुए, 10 हजार मुकदमे हैं. बगैर बातचीत के हम कैसे चले जाएं. प्रधानमंत्री ने इतनी मीठी भाषा का उपयोग किया कि शहद को भी फेल कर दिया. हलवाई को तो ततैया भी नहीं काटता. वह ऐसे ही मक्खियों को उड़ाता रहता है.