कोरोना के बढ़ते मामले के बीच कई राज्यों से वैक्सीन की कमी होने की शिकायतें आ रही हैं. 'सीधी बात' में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि हम सिर्फ राज्य स्तर तक वैक्सीन देते हैं और उसे सेंटर तक पहुंचाना राज्य सरकार का काम है. वितरण को लेकर कोई राजनीति नहीं की जा रही है.
प्रभु चावला के साथ 'सीधी बात' में वैक्सीन की कमी के आरोप पर डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि सेंटर पर वैक्सीन नहीं होने की बात कही जा रही है जबकि हम राज्य सरकार के लेवल पर वैक्सीन देते हैं. उसके बाद सेंटर तक वैक्सीन को पहुंचाना राज्य की जिम्मेदारी होती है. समयबद्ध तरीके से वैक्सीन सेंटर तक पहुंचाना ये राज्य सरकार का काम है. अगर किसी राज्य ने सही से तैयारी नहीं की है और वैक्सीन बर्बाद हो रहे हैं तो नाकामी उस सरकार की है. उन्होंने कहा कि वितरण को लेकर कोई राजनीति नहीं की गई है.
राज्यों में वैक्सीन वितरण को लेकर जारी विवाद को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोवैक्सीन को लेकर महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में विशेष रूप में राजनीति हो रही थी. कोवैक्सीन को हमने जनवरी में ही छत्तीसगढ़ को भेज दिया था तो 2 महीने तक उन्होंने वैक्सीन को नहीं लगाया. 2 बार मैंने वहां के स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा फिर मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा. लेकिन 3 महीने तक सिर्फ राजनीति करते रहे कि कोवैक्सीन को नहीं लगाएंगे. और अब मार्च के अंत में लगाना शुरू किया.
'महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा वैक्सीन दी'
'सीधी बात' में डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि आज की तारीख में अगर हमने सबसे ज्यादा वैक्सीन अगर किसी को दी हैं तो वो महाराष्ट्र है. महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान ये 3 राज्य हैं, जहां 1 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी गई हैं. वैक्सीन वितरण को लेकर आबादी से कोई संबंध नहीं है. अगर आबादी के लिहाज से देखा जाए तो उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा मिलना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ. राजस्थान को 1 करोड़ से ज्यादा टीके दिए गए.
राज्यों को भेजी जाने वाली वैक्सीन की संख्या का वहां की जनसंख्या से कोई संबंध नहीं है: @drharshvardhan#SeedhiBaat
— AajTak (@aajtak) April 10, 2021
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देश में टीकाकरण अभियान की सुस्ती पर सफाई देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि टीकाकरण एक डायनेमिक प्रोसेस है. इसको नंबर के आधार पर नहीं देख सकते. हम जो एक दिन में औसतन टीका लगाते हैं वो अमेरिका से भी ज्यादा है. हमने 30 लाख टीका लगाया तो वह अमेरिका से भी ज्यादा था. हमने दुनिया में सबसे तेज और सबसे कम साढ़े 9 करोड़ लोगों को टीका लगाया है.
'सीधी बात' में वैक्सीन की कमी के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि टीकाकरण एक साइंटिफिक प्रोसेज है. साइंटिफिक गाइडलाइन है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन है कि टीका सबसे पहले कमजोर लोगों को दिया जाए. इसी आधार पर हमने पहले हेल्थकेयर से जुड़े लोगों के लिए टीका लगवाना शुरू किया. फिर से धीरे-धीरे इसे खोलते चले गए.