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'ओला-उबर जैसा सहकारी टैक्सी प्लेटफॉर्म जल्द...', लोकसभा में बोले अमित शाह

गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में ये जानकारी दी है कि बहुत जल्द ही ओला-उबर जैसा एक सहकारी टैक्सी प्लेटफॉर्म आने वाला है. उन्होंने ये भी कहा कि जल्द ही सहकारी इंश्योरेंस कंपनी की भी शुरुआत होगी.

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गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह
गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह

गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में त्रिभुवन सहकारिता यूनिवर्सिटी की स्थापना से संबंधित बिल पर हुई चर्चा का जवाब दिया. अमित शाह ने सहकारिता मंत्रालय के गठन और इसके बाद मंत्रालय की ओर से किए गए कार्य गिनाए और यह ऐलान भी किया कि जल्द ही ओला और उबर जैसा एक सहकारी टैक्सी प्लेटफॉर्म आने वाला है. उन्होंने कहा कि इस सहकारी टैक्सी प्लेटफॉर्म से होने वाला मुनाफा किसी धन्नासेठ के पास नहीं जाएगा. ये मुनाफा टैक्सी ड्राइवर के पास जाएगा.

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सहकारिता मंत्री शाह ने सदन में यह जानकारी भी दी कि जल्द ही सहकारी इंश्योरेंस कंपनी भी आने वाली है. उन्होंने यूनिवर्सिटी की स्थापना गुजरात में किए जाने को लेकर सवालों के जवाब में कहा कि हमें इसके लिए जगह गुजरात की सरकार ने दी है. अमित शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि यूनिवर्सिटी की स्थापना भले ही गुजरात में हो रही है लेकिन इसका कार्य क्षेत्र पूरा भारत होगा. कश्मीर से कन्याकुमारी और असम तक इसके सेंटर खोले जाएंगे. स्थापना के पहले ही वर्ष में हर जिले को जोड़ने का लक्ष्य है.

उन्होंने कहा कि देश में कोऑपरेटिव का इतनी तेजी से विकास हो रहा है तो ट्रेंड लोगों की जरूरत भी होगी जो इसी यूनिवर्सिटी से मिलेंगे. अमित शाह ने कहा कि कोऑपरेटिव आंदोलन के कमजोर होने का एक प्रमुख कारण यह भी था कि जो समितियों में होता था, वह अपने चट्टे-बट्टे को नौकरी दे देता था. अब यूनिवर्सिटी बनने के बाद इसके डिग्री-डिप्लोमा धारकों को ही नौकरी मिलेगी. उन्होंने कहा कि न्यू एज कोऑपरेटिव कल्चर भी इस यूनिवर्सिटी से शुरू होगा. कोऑपरेटिव से जुड़ी जरूरतों के मुताबिक डिग्री और डिप्लोमा कोर्स डिजाइन करने का काम हमने पहले ही शुरू कर दिया है.

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सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस यूनिवर्सिटी में डिप्लोमा से लेकर पीएचडी तक के डिग्री कोर्स होंगे. इस यूनिवर्सिटी की स्थापना से सहकारी समितियों का विस्तार होगा और जमीन पर एक मजबूत सहकारी खाका विकसित होगा. उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी और यह यूनिवर्सिटी देश को बहुत अच्छे सहकारिताकर्मी देने का काम करेगी. अमित शाह ने कहा कि इसे सोसाइटी पंजीकरण एक्ट के तहत पंजीकृत किया जाएगा और 75 साल की आजादी के बाद यह देशा का पहला सहकारिता विश्वविद्यालय बनेगा.

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उन्होंने ये भी कहा कि प्रति वर्ष लगभग आठ लाख लोगों की क्षमता इस विश्वविद्यालय की होगी. इसमें पहले वर्ष ही सभी जिलों को जोड़ा जाएगा. अमित शाह ने कहा कि बड़े पैमाने पर ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म और स्वयं प्लेटफॉर्म के माध्यम से आगे बढ़ेंगे और यूनिवर्सिटी मल्टी डिसिप्लीनरी पाठ्यक्रम का संचालन भी करेगी. सहकारी क्षेत्र में पहले से कार्यरत कर्मचारियों के लिए भी शॉर्ट टर्म डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाएंगे. उन्होंने इस दौरान खुद के 18 साल की उम्र से ही सहकारिता से जुड़े होने की जानकारी साझा करते हुए कहा कि इसकी कमियों को भी झेला हूं और खूबियों का आनंद भी लिया है. प्रतिपक्ष के साथियों से अपील करता हूं कि कभी कभार तो सर्वसम्मति से कुछ करिए. इसे बगैर विरोध के पारित कराइए.

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