scorecardresearch
 

रोड एक्सीडेंट घायलों को मिलेगा ₹1.5 लाख का कैशलेस ट्रीटमेंट, नितिन गडकरी ने बताया पूरा प्लान

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क सुरक्षा चुनौतियों के हल के लिए चल रही कोशिशों पर बात की. इसमें पायलटों के लिए नियमों की तरह कमर्शियल ड्राइवर्स के लिए वर्किंग हॉवर्स रेगुलेट करने को लेकर नीतियां बनाना शामिल है.

Advertisement
X
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने ऐलान किया है कि भारत सरकार मार्च तक रोड एक्सीडेंट पीड़ितों के लिए कैशलेस ट्रीटमेंट देने वाली एक स्कीम शुरू करेगी, जो नेशनल लेवल पर लागू की जाएगी. इस पहल के तहत, हादसे के बाद सात दिन तक पीड़ित 1.5 लाख रुपये तक के मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए पात्र होंगे. यह स्कीम हर तरह की सड़कों पर व्हीकल्स से होने वाले हादसों को कवर करेगी.

Advertisement

नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) पुलिस, हॉस्पिटल्स और राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ मिलकर प्रोग्राम के इम्प्लीमेंटेशन की देख-रेख करेगी. यह एक IT प्लेटफॉर्म के जरिए ऑपरेट होगा, जो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के ई-डीटेल्ट एक्सीडेंट रिपोर्ट (eDAR) एप्लिकेशन को NHA की ट्रांजैक्शन मैनेजमेंट सिस्टम के साथ मिलाएगा. यह पहल 14 मार्च, 2024 को चंडीगढ़ में एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हुई और बाद में इसे 6 अन्य राज्यों में विस्तारित किया गया. इसका टारगेट हादसे के बाद वक्त पर मेडिकल केयर सुनिश्चित करना है.

सड़क सुरक्षा पर बात

पत्रकारों को संबोधित करते हुए, गडकरी ने सड़क सुरक्षा चुनौतियों के हल के लिए चल रही कोशिशों पर बात की. इसमें पायलटों के लिए नियमों के समान कमर्शियल ड्राइवर्स के लिए वर्किंग हॉवर्स रेगुलेट करने के लिए नीतियां बनाना शामिल है.

Advertisement

नितिन गडकरी ने देश में ड्राइवर्स के 22 लाख शॉर्टेज पर भी बात की. दो दिन के वर्कशॉप (6-7 जनवरी) में रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे मंत्रालय ने अहम सुधारों पर बातचीत की. नितिन गडकरी ने पूरे भारत में ड्राइवर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स (DTIs) शुरू करने के प्लान का भी ऐलान किया. उन्होंने नए नियमों के जरिए ई-रिक्शा सुरक्षा में सुधार के महत्व पर जोर दिया.

वर्कशॉप के दौरान चर्चा किए गए अन्य उपायों में ट्रकों के लिए स्मार्ट ड्राइवर एसेसमेंट सिस्टम (ADAS) शुरू करना, व्हीकल्स पर रेट्रो-रिफ्लेक्टिव टेप, महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइसेज (VLTD) मुहैया करवाना शामिल है.

मार्च 2025 तक, सभी फेसलेस सर्विसेज को देश भर में पूरी तरह से लागू किए जाने की उम्मीद है.

 
Live TV

Advertisement
Advertisement