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BJP का टिकट दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के भाई-बहन और भतीजे के खिलाफ FIR

शिकायतकर्ता सुनीता चौहान, जो पूर्व जेडीएस विधायक देवनंद फूल सिंह चौहान की पत्नी हैं, ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि जोशी के परिवार ने उनसे बीजेपी टिकट दिलाने का झांसा देकर बड़ी रकम ली. सुनीता का आरोप है कि जब उन्हें टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने अपना पैसा वापस मांगा, लेकिन अब तक उन्हें कोई रकम नहीं लौटाई गई है.

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केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी. (फाइल फोटो)
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी. (फाइल फोटो)

केंद्रीय कोयला और खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी के परिवार के तीन सदस्यों के खिलाफ बेंगलुरु पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. इस मामले में प्रह्लाद जोशी के भाई, बहन और भतीजे का नाम शामिल है. आरोप है कि इन लोगों ने एक महिला से बीजेपी टिकट दिलाने का वादा करके 2.5 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की.

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शिकायतकर्ता सुनीता चौहान, जो पूर्व जेडीएस विधायक देवनंद फूल सिंह चौहान की पत्नी हैं, ने पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि जोशी के परिवार ने उनसे बीजेपी टिकट दिलाने का झांसा देकर बड़ी रकम ली. सुनीता का आरोप है कि जब उन्हें टिकट नहीं मिला, तो उन्होंने अपना पैसा वापस मांगा, लेकिन अब तक उन्हें कोई रकम नहीं लौटाई गई है.

शिकायत के मुताबिक, यह धोखाधड़ी तब की है जब 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों की तैयारियां चल रही थीं. सुनीता चौहान का कहना है कि उन्हें भरोसे में लेकर इस लेन-देन को अंजाम दिया गया था, लेकिन बाद में उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ छल हुआ है.

बेंगलुरु के हनुमंतनगर पुलिस स्टेशन में इस मामले को दर्ज किया गया है और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के तहत आगे की कार्रवाई की जा रही है. सुनीता चौहान की शिकायत के आधार पर आईपीसी की संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है.

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मामले को लेकर मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक्स पर लिखा, "गोपाल जोशी से मुझे जोड़ने वाली हालिया मीडिया रिपोर्टों के बारे में: नवंबर 2013 में मैंने सिटी सिविल कोर्ट, बैंगलोर में वादी के रूप में एक सिविल मुकदमा दायर किया था जिसमें कहा गया था कि गोपाल जोशी और मैं 20 साल से अलग हो रहे हैं (अब 32 साल से अधिक). मेरे केवल 2 भाई हैं और कोई बहन नहीं है. विजयलक्ष्मी जोशी को मेरी बहन के रूप में उल्लेख करना पूरी तरह से झूठ है. एफआईआर में शिकायतकर्ता सुनीता चव्हाण का मेरे कार्यालय में मेरे अलग हुए भाई गोपाल जोशी के साथ आने का उल्लेख पूरी तरह से निराधार है. 2012 में, यह निर्दिष्ट करने के लिए एक पारिवारिक आक्षेप विलेख (वैवस्थ पथरा) निष्पादित किया गया था कि हम सामाजिक और वित्तीय रूप से किसी भी संयुक्त परिवार की स्थिति या किसी भी संयुक्त लेनदेन का गठन नहीं करते हैं. सभी को सूचित करने के लिए, मैंने 2012 में समाचार पत्रों में एक सार्वजनिक सावधानी नोटिस भी जारी करवाया."

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