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'मणिपुर में कानून व्यवस्था फेल', घर जलने के बाद बोले केंद्रीय मंत्री

मणिपुर में भीड़ ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन का घर जला दिया. इस घटना के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मैं 3 मई से शांति लाने और हिंसा रोकने की कोशिश कर रहा हूं. यह सब दो समुदायों के बीच गलतफहमी है.

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मणिपुर में घर जलने के बाद केंद्रीय मंत्री की प्रतिक्रिया सामने आई है
मणिपुर में घर जलने के बाद केंद्रीय मंत्री की प्रतिक्रिया सामने आई है

मणिपुर में हिंसा का दौर थम नहीं रहा है. बीते 15 जून की रात केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन का घर जला दिया गया. वह राजधानी इंफाल के कोंगबा बाजार इलाके में रहते हैं, हालांकि जब हिंसा हुई तब वह घर पर नहीं थे. अधिकारियों ने कहा कि गुरुवार देर रात शहर में घूम रही भीड़ की सुरक्षा बलों से भी झड़प हुई थी. 

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इस घटना को लेकर आरके रंजन सिंह ने कहा कि मैं स्तब्ध हूं. मणिपुर में लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह फेल हो गया है. उन्होंने कहा कि मैं 3 मई (जब राज्य में जातीय संघर्ष शुरू हुआ) से शांति लाने और हिंसा रोकने की कोशिश कर रहा हूं. यह सब दो समुदायों के बीच गलतफहमी है. उन्होंने कहा कि अगर इसे धार्मिक एंगल से जोड़ा जाए तो  मैं एक हिंदू हूं. हमलावर हिंदू थे. इसलिए, यह धार्मिक नहीं है. बल्कि भीड़ ने हिंसा की है. 

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने शांति समिति का गठन किया है, प्रक्रिया जारी है. उन्होंने कहा कि वह घर मेरी अपनी मेहनत की कमाई से बना था. मैं भ्रष्ट नहीं हूं. इस शासन में कोई भी भ्रष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार सभी समुदायों से बात करेगी और कोई रास्ता निकालेगी.

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केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आर के रंजन सिंह ने मणिपुर में अपने घर पर हुए हमले के बाद केरल में अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया और कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में झड़पें सांप्रदायिक नहीं, बल्कि दो समुदायों के बीच गलतफहमी के कारण हुईं. इसके साथ ही वह मणिपुर के लिए रवाना हो गए.

11 जिलों में कर्फ्यू और इंटरनेट बैन

इंफाल पूर्वी जिले में शुक्रवार तड़के तक गोलीबारी हुई. सुरक्षा बलों ने बुधवार को 9 नागरिकों की मौत का विरोध कर रहे गुस्साए स्थानीय लोगों को तितर-बितर करने के लिए कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे. टकराव के दौरान 2 प्रदर्शनकारी और एक रैपिड एक्शन फोर्स के जवान घायल हो गए. अधिकारियों ने कहा कि आरएएफ कांस्टेबल के सिर पर पत्थर मारा गया था. अधिकारियों ने बताया कि नोंगमेइबुंग और वांगखेई में प्रदर्शनकारियों ने पत्थर और निर्माण सामग्री जमा कर मुख्य सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और सुरक्षा बलों के साथ उनकी झड़प शुरू हो गई. राज्य में अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए 11 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है और इंटरनेट के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है.

सीएम ने की हिंसा की निंदा

मणिपुर के खमेनलोक इलाके में 9 लोगों के मारे जाने की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि दोषियों को पकड़ने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा तलाशी और तलाशी अभियान जारी है. सिंह ने यह भी कहा कि उनकी सरकार राज्य की एकता और अखंडता की रक्षा करेगी और ऐसा कुछ भी नहीं करेगी जो राज्य के लोगों के हितों के खिलाफ हो. उन्होंने कहा कि अपराधियों को पकड़ने के लिए अर्धसैनिक बलों और मणिपुर पुलिस की एक टीम ने कुरंगपत और येंगांगपोकपी सहित कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाया है.

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कांग्रेस ने की सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग

कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल ने कहा कि मणिपुर पिछले 40 दिनों से जल रहा है और संघर्ष नियंत्रण से बाहर होता जा रहा है. कानून के शासन का कोई आभास नहीं है और जो सत्ता में हैं वे खुद हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं. हथियारों और गोला-बारूद के साथ उग्रवादियों की मदद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने पूरी तरह से चुप्पी साध रखी है. उनकी सरकार ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है. इस भयावह स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है? वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री को तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए. क्योंकि देश जवाब मांग रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री के आवास पर हमले के बाद क्या पीएम मोदी कुछ बोलेंगे?

 

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