केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) उदयपुर में ‘विजिटिंग प्रोफेसर’ के रूप में कई सत्रों में शामिल हुईं. यहां उन्होंने एमबीए के छात्रों से संवाद किया. इस दौरान स्मृति ईरानी ने "रैंकिंग प्रबंधन संस्थानों की आवश्यकता और नुकसान: NIRF अनुभव" पर शोध प्रस्तुत किया.
केंद्रीय मंत्री द्वारा पेश किए गए शोध में प्रमुख लेखक के रूप में ईरानी, सह-लेखक के रूप में IIM उदयपुर के प्रोफेसर कुणाल कुमार और IIM बेंगलुरु के प्रोफेसर सुशांत मिश्रा हैं. एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि अपने शोध में उन्होंने एक राष्ट्रीय रैंकिंग ढांचे के महत्व का पता लगाया जो भारत की विविधता का ख्याल रखता है. सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित लोगों के लिए काम करने के लिए संस्थानों को पुरस्कृत करता है.
इस दौरान स्मृति ईरानी ने अपने भाषण में महिला सशक्तिकरण की दिशा में विभिन्न सरकारी पहलों और महिलाओं के लिए किए कामों की सराहना करते हुए पीएम मोदी की तारीफ की.
निजी जिंदगी पर कही ये बात
स्मृति ईरानी ने बताया कि उन्होंने टीवी सीरियल 'सास भी कभी बहू थी' से अपने कैरियर की शुरुआत की. उन्हें शुरुआती दौर में महज 1800 रुपये सैलरी मिलती थी. इसमें उन्होंने काफी लंबे समय तक काम किया और फिर राजनीति में कदम रखा. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उन्होंने राजनीति में आने का फैसला उस दौर में किया, जब अपने कैरियर की टॉप पर थीं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीरियल और सिसायत से पहले वो एक रेस्टोरेंट में काम करती थीं, लेकिन उन्होंने कभी किसी काम को कमतर कर नहीं आंका.