देश में बीते 24 घंटे के अंदर तीन बड़े आपराधिक मामलों में तीन आरोपियों का एनकाउंटर हुआ है. इनमें से दो मामले उत्तर प्रदेश के हैं और एक मामला महाराष्ट्र का है. यूपी में सुल्तानपुर लूट कांड के आरोपियों में से एक अनुज प्रताप सिंह, उन्नाव में यूपी एसटीएफ और डिस्ट्रिक्ट पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में मारा गया. वहीं गाजीपुर में आरपीएफ के दो जवानों की हत्या करके उनके शवों को चलती ट्रेन से नीचे फेंकने के मामले में आरोपी मोहम्मद जाहिद, यूपी एसटीएफ और गाजीपुर पुलिस के जॉइंट ऑपरेशन में मारा गया. तीसरे मामले में महाराष्ट्र के बदलापुर शहर के एक निजी स्कूल में दो नाबालिग बच्चियों के यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे (23) पुलिस की जवाबी कार्रवाई में मारा गया. आइए एक नजर डालते हैं इन तीनों एनकाउंटर और इनसे जुड़े आपराधिक मामलों पर...
अनुज प्रताप सिंह एनकाउंटर
पिछले महीने 28 अगस्त को सुल्तानपुर में सर्राफा व्यापारी भरत सोनी की ठठेरी बाजार स्थित ओम ऑर्नामेंट शॉप में दिन दहाड़े कुछ बदमाश घुसे और असलहे के बल पर 1 करोड़ 35 लाख का माल लूट ले गए थे. सुल्तानपुर लूट कांड का जो सीसीटीवी फुटेज पुलिस ने जारी किया था, उसमें देखा गया कि दुकान के अंदर सबसे पहले अनुज प्रताप सिंह ही घुसा था. उसी ने सबसे पहले जूलर भरत सोनी और उनके बेटे पर पिस्तौल तानी थी. इसके बाद अनुज के चार साथी दुकान के अंदर घुसे और आभूषण, पैसे बैग में भरने लगे.
इनकी गैंग का सरगना विपिन सिंह है, जिसने कुछ दिन पहले रायबरेली की कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. अनुज, विपिन का सबसे करीबी था. इन दोनों ने साथ मिलकर गुजरात में भी एक डकैती को अंजाम दिया था. यूपी एसटीएफ ने एक बयान में कहा- हमें सूचना मिली थी कि अनुज घातक हथियारों से लैस होकर अपने एक सहयोगी के साथ उन्नाव के गंगा कटरी इलाके में आया है और सुल्तानपुर जूलरी शॉप से लूटे गए आभूषणों के साथ दोनों रात में मोटरसाइकिल से रायबरेली के लिए निकलेंगे.
इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए लखनऊ से एसटीएफ की टीम 22 सितंबर को रायबरेली-उन्नाव हाईवे पर कोलुहागाड़ा-अचलगंज अंडरपास पर पहुंची. टीम दो यूनिट में बंट गई और इलाके की घेराबंदी कर जांच शुरू कर दी. कोलुहागाड़ा की ओर से एक मोटरसाइकिल काफी तेज गति से आती दिखी. मुखबिर ने एसटीएफ टीम को बताया कि बाइक पर अनुज सिंह और उसका सहयोगी सवार हैं. मोटरसाइकिल को रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन मोटरसाइकिल चालक ने गाड़ी कच्ची सड़क की ओर मोड़ने की कोशिश की. वह घास और कीचड़ के कारण फिसल कर गिर गया. जब एसटीएफ टीम ने आरोपी को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, तो अनुज और उसके सहयोगी ने पुलिस कर्मियों पर गोलियां चला दीं.
डीएसपी प्रमेश कुमार शुक्ला बाल-बाल बच गए. हेड कांस्टेबल रवि वर्मा को गोली लगी, लेकिन बुलेटप्रूफ जैकेट पहने होने के कारण वह बच गए. जवाबी फायरिंग में अनुज सिंह को गोली लगी और वह सड़क किनारे गिर गया. उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. एडीजी (एसटीएफ और कानून व्यवस्था) अमिताभ यश ने कहा कि अनुज सिंह अमेठी जिले के जानापुर गांव का रहने वाला था. उसका साथी मौके से भागने में कामयाब रहा. पुलिस ने इस लूट कांड में शामिल होने के आरोप में 14 लोगों की पहचान की है.
इनमें से दो अनुज प्रताप सिंह और मंगेश यादव एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं, जबकि 9 आरोपी सचिन सिंह, त्रिभुवन कोरी, पुष्पेंद्र सिंह, दुर्गेश सिंह, विनय शुक्ला, अरविंद यादव, विवेक सिंह, अजय यादव और विपिन सिंह न्यायिक हिरासत में हैं. तीन अन्य आरोपी अंकित यादव, फुरकान और अरबाज अभी फरार चल रहे हैं. भरत सोनी की दुकान से लूटा गया पूरा माल पुलिस ने पहले ही बरामद कर लिया था, जिसमें करीब 2.6 किलोग्राम सोने के आभूषण और 15 किलोग्रमा चांदी के आभूषण शामिल थे. गत 20 सितंबर को व्यापारी भरत सोनी का माल रिलीज हो गया. कोर्ट के आदेश पर सुल्तानपुर शहर कोतवाली ने जूलर को 15 किलो चांदी और 2 किलो से अधिक का सोना सुपुर्द कर दिया था.
मोहम्मद जाहिद एनकाउंटर
गुवाहाटी एक्सप्रेस में 19-20 अगस्त की रात अवैध शराब की तस्करी रोकने की कोशिश में आरपीएफ के दो जवानों जावेद खान और प्रमोद कुमार की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद दोनों के शवों को चलती ट्रेन से ट्रैक पर फेंक दिया गया था. दोनों के शव पंडित दीनदयाल उपाध्याय-दानापुर रेलखंड पर अगल-अलग स्थानों पर मिला था. पुलिस जांच में पता चला कि इस हत्याकांड के तार बिहार के शराब माफियाओं से जुड़े हुए हैं. हत्याकांड में शामिल छह शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि मोहम्मद जाहिद नाम का आरोपी फरार चल रहा था. गिरफ्तार आरोपियों ने पूलिस को पूछताछ में बताया था कि उन्होंने पहले दोनों आरपीएफ जवानों पर हमला करके उन्हें गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था, फिर चलती ट्रेन से दोनों को अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया.
गाजीपुर के पुलिस अधीक्षक इराज राजा ने बताया कि मोहम्मद जाहिद पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया. उन्होंने इस एनकाउंटर के बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'दो आरपीएफ जवानों की हत्या के मुख्य संदिग्धों में से एक, मोहम्मद जाहिद को दिलदार नगर के पास एक स्थान पर ट्रैक किया गया. यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट, जीआरपी और गाजीपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने उसे घेर लिया, इस दौरान उसने दो पुलिस कर्मियों पर गोलियां चला दीं, जिसमें दो जवान घायल हो गए. जवाबी कार्रवाई में मोहम्मद जाहिद को गोली लगी और वह गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. अवैध शराब तस्करी में शामिल अन्य गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस तस्करी गैंग में और कौन लोग शामिल हैं.'
अक्षय शिंदे एनकाउंटर
एक प्राइवेट स्कूल में नर्सरी में पढ़ने वाली दो नाबालिग बच्चियों के माता-पिता 12 अगस्त को स्थानीय मनसे पदाधिकारी के पास गए और उसे स्कूल में अपनी बच्चियों के साथ हुई घटना के बारे में जानकारी दी. मनसे पदाधिकारी उन्हें बदलापुर (पूर्व) पुलिस स्टेशन लेकर गया. पुलिस ने दोनों बच्चियों के माता-पिता की शिकायत पर, 12 अगस्त को स्कूल कर्मचारी अक्षय शिंदे के खिलाफ यौन उत्पीड़न करने के संबंध में एफआईआर दर्ज की. इसे लेकर लोग सड़कों पर उतर आए. स्थानीय रेलवे स्टेशन पर भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ. लोगों ने आरोपी को फांसी देने की मांग की.
स्कूल ने अक्षय शिंदे को सफाई कर्मी के रूप में कॉन्ट्रैक्ट पर 1 अगस्त को हायर किया था और 12 अगस्त को उस पर नाबालिग बच्चियों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा. अक्षय की पहली पत्नी ने भी उस पर अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया था. पहले मामले में अक्षय तलोजा जेल में बंद था. ठाणे पुलिस की क्राइम ब्रांच यूनिट ने अक्षय की पहली पत्नी द्वारा दायर मामले की जांच के लिए उसे जेल से हिरासत में लिया था.
पुलिस का दावा है कि क्राइम ब्रांच दफ्तर के रास्ते में जैसे ही वैन मुंब्रा बाईपास पर पहुंची, अक्षय शिंदे ने एक पुलिसकर्मी की रिवॉल्वर छीन ली और फायर कर दिया. गोली असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर नीलेश मोरे की जांघ में लगी. सीनियर इंस्पेक्टर संजय शिंदे ने जवाबी फायरिंग की और गोली अक्षय की कनपटी में जाकर लगी. उसे कालवा अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. एपीआई नीलेश मोरे अस्पताल में भर्ती हैं.