
उत्तर प्रदेश इन दिनों हाथरस, बलरामपुर, बुलंदशहर गैंगरेप केस की वजह से खासा चर्चा में है और प्रदेश में विपक्षी दल खराब होती कानून-व्यवस्था और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते यौन शोषण के मामलों पर योगी सरकार पर लगातार हमला कर रहे हैं और राष्ट्रपति शासन लगाने तक की मांग की जा रही है. इसके इतर अगर हम देश के सभी राज्यों में कैद लोगों की साक्षरता दर की बात करें तो उत्तर प्रदेश में ही सबसे ज्यादा उच्च शिक्षा प्राप्त लोग जेल की सलाखों के पीछे हैं.
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, 31 दिसंबर 2019 तक देश की अलग-अलग जेलों में 4,78,600 लोग कैद थे, जिसमें उत्तर प्रदेश की जेलों में सबसे ज्यादा 1,01,297 लोग कैद थे, इसके बाद मध्य प्रदेश का नंबर आता है जहां 44,603 लोग जेल में बंद थे.
तीसरे स्थान पर बिहार है और यहां 39,814 लोग जेलों में थे. महाराष्ट्र (36,798), पंजाब (24,174) और पश्चिम बंगाल (23,092) ये शीर्ष 6 राज्यों में शामिल हैं जहां सबसे ज्यादा कैदी जेलों में कैद थे. 31 दिसंबर, 2019 तक के आंकड़ों के अनुसार, देश के कुल कैदियों में से 21.2% कैदी उत्तर प्रदेश की जेलों में थे. जबकि इन 6 राज्यों में कुल कैदियों के 56.4% कैदी थे.
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2019 में देशभर में कुल कैदियों की संख्या 4,78,600 रही जिसमें 1,44,125 लोगों को सजा मिली तो 3,30,487 लोग अंडर ट्रायल हैं तो 3,223 लोग हिरासत में हैं.
सबसे ज्यादा युवा कैदी
देशभर की जेलों में 31 दिसंबर तक बंद 4,78,600 कैदियों में से 4,58,687 पुरुष कैदी थे तो महिला कैदियों की संख्या 19,913 थी. 31 दिसंबर 2019 तक के आंकड़ों के अनुसार, जेल में बंद सबसे ज्यादा कैदियों की उम्र 18 से 30 साल के बीच थी. कुल कैदियों में से 2,07,942 यानी 43.4% कैदी 18 से 30 साल के लोग थे, जबकि 2,07,104 यानी 43.4% कैदियों की उम्र 30 से 50 के बीच थी.
इसके अतिरिक्त 63,336 कैदियों (13.2%) की उम्र 50 साल से ऊपर की थी. जबकि 16 से 18 साल तक की आयु के 218 लोग बंद थे.
अब जेल में बंद कैदियों की साक्षरता स्तर पर बात की जाए तो 4,78,600 कैदियों में से 1,32,729 (27.7%) कैदी अनपढ़ थे. लेकिन 1,98,872 (41.6%) कैदियों की साक्षरता 10वीं कक्षा से कम रही है. इसी तरह 1,03,036 (21.5%) कैदी 10वीं से ज्यादा लेकिन ग्रेजुएशन से कम पढ़े-लिखे थे.
इन कैदियों में से 30,201 (6.3%) कैदी ग्रेजुएट थे जबकि 8,085 (1.7%) कैदी पोस्ट ग्रेजुएट (PG) डिग्री धारक थे. इसके अलावा 5,677 (1.2%) कैदियों के पास तो टेक्निकल डिप्लोमा या डिग्री थी.
सबसे ज्यादा ग्रेजुएट कैदी यूपी में
अब अगर राज्यवार जेलों में कैद कैदियों की साक्षरता की स्थिति पर नजर डाली जाए तो 2019 में आए 1,44,125 कैदियों में से उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा ग्रेजुएट लोग जेलों में बंद थे और इनकी संख्या 1,964 थी. उत्तर प्रदेश के बाद मध्य प्रदेश में 1,173 ग्रेजुएट बंद थे. पंजाब तीसरे स्थान पर था जहां 681 ग्रेजुएट कैदी हैं. इस तरह से देश में 5 राज्यों में ग्रेजुएट कैदियों की संख्या 500 से ज्यादा थी.
पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री धारक अपराधियों की बात करें तो यहां भी उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा कैदी इस वर्ग में बंद थे. उत्तर प्रदेश में 604 तो मध्य प्रदेश में 492 और राजस्थान में 213 पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री धारक जेल की सलाखों के पीछे थे. दिल्ली में 48 पोस्ट ग्रेजुएट लोग ही जेल में बंद थे. यही 3 राज्य ऐसे हैं जहां पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री धारक कैदियों की संख्या 200 से ऊपर थी.
टेक्निकल डिग्रीधारकों में सबसे ज्यादा कैदी दक्षिण से
टेक्निकल डिप्लोमा या डिग्रीधारक कैदियों के मामले में दक्षिण भारत के राज्य उत्तर भारत के राज्यों से कहीं आगे हैं. तमिलनाडु इस फेहरिस्त में सबसे आगे है और यहां पर 293 टेक्निकल डिप्लोमा या डिग्रीधारक कैदी थे. उत्तर प्रदेश (197) दूसरे नंबर पर था. इसके बाद क्रमशः कर्नाटक (160), मध्य प्रदेश (159) और केरल (148) का नंबर रहा. राजस्थान (130) छठे स्थान पर रहा. दिल्ली में 38 टेक्निकल डिप्लोमा या डिग्रीधारक लोग जेल में कैद थे.
अब अगर ग्रेजुएशन से कम और 10वीं से अधिक शिक्षित कैदियों की बात करें तो यहां भी उत्तर प्रदेश आगे है और यहां की जेलों में 6,259 कैदी थे. इसके बाद क्रमशः मध्य प्रदेश (4,295), हरियाणा (2,495) और पंजाब (2,145) का नंबर रहा.
अगर 10वीं से कम साक्षर कैदियों के लिहाज से देखें तो यहां भी उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों से कहीं आगे है और इस मामले यही एकमात्र राज्य है जहां 10 हजार से ज्यादा कैदी हैं. यूपी में 10,634 ऐसे कैदी थे जबकि मध्य प्रदेश में 9,040, छत्तीसगढ़ में 4,972, महाराष्ट्र में 4,891 और बिहार में 3,396 लोग बंद थे.
शिक्षित कैदियों के मामले में उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों से आगे रहा तो अशिक्षित कैदियों के मामले में भी वह बाकियों से काफी आगे रहा. उत्तर प्रदेश में कुल कैदियों में से 7,954 कैदी अशिक्षित थे तो मध्य प्रदेश में 5,094 कैदी अनपढ़ थे.