राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने सोमवार को एक बड़ा फैसला लिया है. जयंत ने अपनी पार्टी के विधायकों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि वे अपनी निधि का 35 प्रतिशत पैसा सिर्फ दलितों की बुनियादी सुविधाओं पर खर्च करें. इतना ही नहीं, जयंत ने विधायकों से ये भी कहा है कि वे सदन में अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग के मुद्दे भी जोर-शोर से उठाएं.
RLD अध्यक्ष ने ये पत्र विधानमंडल दल के नेता को संबोधित लिखा है. इसमें सभी रालोद विधायकों को निर्देश दिए गए हैं. पत्र में लिखा है कि हमारा मानना है कि जब तक समाज के कमजोर-वंचित तबके तक अधिक से अधिक सरकारी योजना का लाभ ना पहुंचे, तब तक बड़े सामाजिक सुधार और सकारात्मक परिवर्तन संभव नहीं हैं. इसी उद्देश्य से मैंने विचार किया है कि हमारे दल के विधायकों की जो क्षेत्रीय विकास निधि है, उसका 35 प्रतिशत से अधिक आप सभी अपने क्षेत्र में अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए खर्च करेंगे.
उन्होंने आगे लिखा है कि मैं ये भी चाहता हूं कि आप विधानमंडल दल के अध्यक्ष के नाते खुद प्रयास करें और सभी RLD विधायकों को निर्देशित करें कि अनुसूचित जाति एवं पिछले वर्ग के मुद्दे लगातार सदन में उठाने का कार्य करें. उन पर होने वाले उत्पीड़न पर पैनी नजर बनाए रखें. उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास करें.
बता दें कि हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में रालोद ने सपा के साथ गठबंधन किया था और 8 सीटें जीती थीं. जबकि सपा ने 111, अपना दल (S) ने 11, बीजेपी ने 255, निषाद पार्टी ने 6, बसपा ने 1 और अन्य ने 10 सीटें जीती थीं.
बताते चलें कि यूपी में UP में विधायक निधि अब 5 करोड़ रुपए हो गई है. ये निधि सांसदों के बराबर हो गई है. योगी सरकार ने हाल ही में विधायक निधि 3 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपए कर दी है.