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UP: पेट्रोल 100 के पार, डीजल भी शतक के करीब, आम लोगों के साथ किसानों की भी मुश्किलें बढ़ीं

जो छोटे किसान हैं वे किराए के ट्रैक्टर और किराए के पंपिंग सेट से अपने खेतों की जुताई और सिंचाई का काम करते हैं. लेकिन डीजल की महंगाई के चलते ट्रैक्टर की जुताई और पंपिंग सेट से सिंचाई का रेट भी तकरीबन दोगुने से भी ज्यादा बढ़ गया है.

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पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से आम लोगों के साथ किसानों पर भी दबाव बढ़ा (सांकेतिक-पीटीआई)
पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से आम लोगों के साथ किसानों पर भी दबाव बढ़ा (सांकेतिक-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • छोटे किसानों को डीजल के दाम बढ़ने से हो रही दिक्कत
  • अब खेती की लागत बढ़ गई और कम होता जा रहा मुनाफा
  • सरकार से हमारी मांग रेट पर नियंत्रण रखा जाएः उपभोक्ता

पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती हुई कीमतों ने आम लोगों के साथ-साथ अन्नदाताओं के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी हैं. उत्तर प्रदेश में पेट्रोल प्रति लीटर शतक का आंकड़ा पार कर लिया है वहीं डीजल की कीमत भी प्रति लीटर शतक लगाने के करीब पहुंच चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी हो, या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ गोरखपुर या फिर धान का कटोरा कहा जाने वाला चंदौली. बढ़ती हुई पेट्रोल और डीजल की कीमतों से हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है.

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धान के कटोरे में आमजन और किसान बेहाल

चंदौली में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये 49 पैसे प्रति लीटर पहुंच गई है तो वहीं डीजल 92 रुपये 50 पैसे प्रति लीटर हो गया है. लगातार बढ़ रही पेट्रोल की कीमत ने एक तरफ जहां आम लोगों को बेहाल कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ धान का कटोरा कहे जाने वाले चंदौली के किसानों के लिए डीजल की कीमतों की बढ़ोतरी परेशानी का सबब बन रही है.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के चंदौली को धान का कटोरा कहा जाता है और यहां की अधिकांश आबादी खेती किसानी पर निर्भर रहती है, लेकिन बढ़ती डीजल की कीमतों ने यहां के किसानों के चेहरे पर शिकन ला दिया है. दरअसल जिले के बड़े किसानों के पास तो खुद के ट्रैक्टर हैं, जिससे वह अपने खेतों की जुताई कर लेते हैं. लेकिन बढ़ती हुई डीजल की कीमतों से उनके खर्चे भी बढ़ गए हैं और खेती महंगी होती जा रही है.

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दूसरी तरफ सिंचाई के लिए पंपिंग सेट चलाने के लिए भी डीजल की जरूरत होती है और डीजल की बढ़ती हुई कीमतों के चलते खेतों की सिंचाई भी पहले की अपेक्षा काफी महंगी हो गई है. वहीं दूसरी तरफ जो छोटे किसान हैं वे किराए के ट्रैक्टर और किराए के पंपिंग सेट से अपने खेतों की जुताई और सिंचाई का काम करते हैं. लेकिन डीजल की महंगाई के चलते ट्रैक्टर की जुताई और पंपिंग सेट से सिंचाई का रेट भी तकरीबन दोगुने से भी ज्यादा बढ़ गया है. जिसकी वजह से खेती की लागत बढ़ गई है और मुनाफा कम हो रहा है.

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इस वजह से किसान बेहाल हैं. एक तरफ डीजल की बढ़ती हुई कीमतों से किसान परेशान हैं. वहीं दूसरी तरफ लगातार बढ़ रहे पेट्रोल की कीमतों से आम लोग काफी परेशान हैं. पेट्रोल की बढ़ती हुई कीमतों के चलते निम्न आय वर्ग के साथ-साथ मध्यम आय वर्ग के लोग भी काफी प्रभावित हैं. लोगों का कहना है कि लगातार बढ़ रही पेट्रोलियम की कीमतों से उनके बजट पर काफी असर पड़ रहा है.

उत्तर प्रदेश के चंदौली के दीनदयाल नगर में आजतक ने एक पेट्रोल पंप पर लोगों से बात की और यह जानने का प्रयास किया कि बढ़ती हुई डीजल और पेट्रोल की कीमतों ने उनके बजट पर कितना असर डाला है. पेट्रोल पंप पर बाइक में पेट्रोल डलवाने पहुंचे आयुष नाम के छात्र ने बताया कि पेट्रोल की कीमत बढ़ जाने से उनके बजट पर काफी असर पड़ रहा है. पहले ₹100 के पेट्रोल में वाराणसी जा कर चले जाते थे, लेकिन अब नहीं हो पा रहा है.

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गांव से दूध लेकर शहर आने वाले बल्लू यादव ने बताया कि पेट्रोल की कीमत बढ़ जाने से काफी फर्क पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि पहले हम ₹100 का पेट्रोल भरवा देते तो एक दिन का काम चल जाता था और कुछ बच भी जाता था. लेकिन अब 150 रुपये का पेट्रोल डलवाते हैं तो भी कम पड़ जाता है. बल्लू यादव ने बताया कि डीजल की बढ़ी हुई कीमतों से खेती किसानी पर भी असर पड़ा है. जो छोटे किसान हैं वह किराए पर ट्रैक्टर और पंपिंग से लेकर जुताई और सिंचाई का काम करते हैं. लेकिन डीजल महंगा हो जाने की वजह से इसका किराया भी अब काफी ज्यादा लग रहा है.

उन्होंने बताया कि पहले सिंचाई के लिए ₹100 प्रति घंटा लगता था अब तीन से चार सौ रुपये प्रति घंटा देना पड़ रहा है. दीनदयाल नगर के रहने वाले राकेश कुमार ने बताया कि ट्रैक्टर से जुताई काफी महंगी हो गई है. जो पहले ₹500 बीघा हम लोग देते थे अब उसे 900 से लेकर ₹1000 बीघा तक देना पड़ रहा है. पंपिंग सेट का किराया भी काफी महंगा हो गया है.

राकेश कुमार ने आगे बताया कि डीजल महंगा हो जाने से किसान की आय तकरीबन 30% कम हो गई है. दीनदयाल नगर के ही रहने वाले आलोक ने बताया कि हालात यहां तक आ गए हैं कि अब मोटरसाइकिल घर पर रखने की नौबत आ गई है. उन्होंने बताया कि इस गवर्नमेंट में डीजल पेट्रोल का दाम जितना बढ़ा है उतना किसी गवर्नमेंट के कार्यकाल में नहीं बढ़ा था. आलोक कुमार ने बताया कि सरकार से उनकी मांग है कि रेट पर नियंत्रण रखा जाए. ताकि सरकार का भी काम चल जाए और आम लोगों पर भी इसका बहुत असर न पड़े.

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पेट्रोल और डीजल की कीमतों ने वाराणसी के लोगों की बढ़ाई मुश्किलें

पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से खुद पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी अछूता नहीं है. वाराणसी में तो पेट्रोल 101 रुपये से भी ऊपर जा चुका है तो डीजल का रेट भी 93 रुपये को पार कर चुका है. पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों के चलते आलम यह है कि अब पेट्रोल पंपों पर सन्नाटा सा आलम हो चुका है.

लोगों का बजट तो गड़बड़ाया ही है साथ ही बढ़ते ट्रांसपोटेशन और ढुलाई की वजह से महंगाई भी सांतवें आसमान तक जा पहुंची है. लिहाजा लोगों के घर का बजट तक बिगड़ चुका है. पेट्रोल पंपों का सेल भी पहले से काफी कम हो चुका है. वाराणसी में पेट्रोल 101 रुपये 48 पैसे तो डीजल का रेट 93.38 रुपये तक जा पहुंचा है.

पेट्रोल पंप में अपनी बाइक में पेट्रोल डलवाने पहुंचे गौतम ने बताया कि पेट्रोल की बढ़ती कीमतों और 101 रुपये से भी ज्यादा हो जाने के चलते काफी दिक्कत आ रही है. अब बाइक चलाने के पहले सोचना पड़ता है और कम से कम चलाया जाता है. पैसे बचाने के लिए आटो से ही सफर कर लेते हैं. पहले 200 का पेट्रोल डलवाते थे तो अब 100 रुपये का ही पेट्रोल पाते हैं. ट्रांसपोटेशन भी इसी वजह से महंगा हुआ है.

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पेट्रोल लेने पहुंचे विनोद मिश्रा बताते हैं कि इस रेट की कल्पना कभी नही की थी. प्राइवेट जॉब करने वालों को कंपनियां पेट्रोल का ज्यादा पैसा दे ही नहीं रही है. महंगाई के लिए सरकार जिम्मेदार है. उनके साथ मौजूद गृहणी ने बताया कि सरकार को इसपर ध्यान देना चाहिए.

वहीं वाराणसी के रामकटोरा इलाके में स्थित पेट्रोल पंप के मैनेजर विशाल चौरसिया ने बताया कि पहले दाम जो 15-30 दिन में बढ़ता था वह अब प्रतिदिन बढ़ने लगा है. जनवरी से लेकर सितंबर तक में 16-17 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ चुकी हैं. जिससे ग्राहकों में रोष है और बिक्री में कमी आई है.लोग अब सिर्फ जरूरत अनुसार ही लोग पेट्रोल ले रहें हैं. लिहाजा बिक्री 20 प्रतिशत तक कम हो चुकी है.

योगी के गढ़ में भी पेट्रोल ने लगाया शतक

पेट्रोल की बढ़ी हुई कीमतों से योगी आदित्यनाथ का गढ़ कहा जाने वाला गोरखपुर भी अछूता नहीं है. गोरखपुर में पेट्रोल ने सेंचुरी लगा दी और पेट्रोल की कीमत इस समय ₹100.69 प्रति लीटर हो गई है. जिसको लेकर लोगों में कुछ लोगों ने इसे विकास में सहायक बताया तो वहीं कुछ लोगों में नाराजगी भी देखने को मिली.

गोरखपुर में पेट्रोल की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर आजतक ने लोगों से बातचीत की और यह जानने का प्रयास किया कि बढ़ी हुई पेट्रोल और डीजल की कीमतों की वजह से उनके जनजीवन पर किस तरह से प्रभाव पड़ रहा है. तो लोगों ने बताया कि पेट्रोल की कीमत तो बढ़ रही है पर इसी से देश का विकास हो रहा है. महंगाई तो है पर इसे जीएसटी मिलाकर महंगाई को कम किया जा सकता है. तो वहीं अन्य कई लोगों का मानना है कि महंगाई तो बहुत है और लगातार महंगाई बढ़ती जा रही है इसे कंट्रोल करना प्रधानमंत्री का काम है. हम लोग क्या कर सकते हैं.

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