कोर्ट ने साल 1997 में हुए उपहार सिनेमा हादसे के दोषी सुशील अंसल और गोपाल अंसल की सजा को बरकरार रखा है. कोर्ट ने कहा कि सबूतों से छेड़छाड़ करने पर अंसल बंधुओं को कोई राहत नहीं दी जा सकती.
कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि सीबीआई की जांच में कई तथ्य सामने आए हैं. सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है.इससे पहले भी आरोपियों की ओर से सजा निलंबित करके जमानत पर रिहा करने की मांग की गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
9 नवंबर 2021 को दिल्ली की एक कोर्ट ने इस मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने पर सुशील और गोपाल अंसल को 7 साल की सजा सुनाई थी.
13 जून 1997 को दिल्ली के उपहार सिनेमाहॉल में हिन्दी फिल्म बॉर्डर के प्रदर्शन के दौरान भीषण आग लग गई थी. उस अग्निकांड में सिनेमा हॉल में फंसकर 59 दर्शकों की मौत हो गई थी. जांच में पता चला कि सिनेमा हॉल में अतिरिक्त सीटें लगाकर आने-जाने का रास्ता संकरा कर दिया गया था.
मामले की सुनवाई के दौरान अंसल बंधुओं पर याचिकाकर्ताओं को धमकाने और कोर्ट स्टाफ से सांठगांठ कर कोर्ट की फाइलों से छेड़छाड़ की गई. फाइलों से पन्ने फाड़कर गायब किए गए. कोर्ट में यह मामला उपहार त्रासदी पीड़ित एसोसिएशन (AVUT) की अध्यक्ष नीलम कृष्णमूर्ति ने दाखिल किया था.
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