भारत में करीब दो महीने तक दुनिया में सबसे ज्यादा दैनिक कोरोना दर्ज हुए. लेकिन अब भारत में नए केसों की संख्या में उल्लेखनीय रूप से गिरावट आई है, जबकि अमेरिका दैनिक नए केसों के मामले में भारत से आगे निकल गया है.
बुधवार, 21 अक्टूबर को भारत में 54,051 नए केस दर्ज हुए. अब देश में कुल केस 77 लाख से ज्यादा हो चुके हैं. इसी दिन अमेरिका ने 62,727 नए केस दर्ज हुए और यहां अब तक कुल मिलाकर 83 लाख केस हो चुके हैं.
ज्यादातर बड़े भारतीय राज्य जो महामारी से बुरी तरह प्रभावित थे, उनमें महत्वपूर्ण सुधार होता दिख रहा है.
देश में कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है जहां पर सितंबर के अंत में हर दिन 20,000 से ज्यादा केस दर्ज हो रहे थे. अक्टूबर के तीसरे सप्ताह तक राज्य में दैनिक केसों की संख्या आधी से कुछ ज्यादा रह गई है और सात-दिवसीय रोलिंग एवरेज घटकर 9,000 रह गया है. बुधवार को महाराष्ट्र में लगभग 8,100 नए केस दर्ज हुए, जो अब भी देश में सबसे ज्यादा है, लेकिन अब यहां ग्राफ नीचे की ओर जाता दिख रहा है.
केरल और पश्चिम बंगाल को छोड़कर ज्यादातर भारतीय राज्यों में दैनिक केस की संख्या कम हो रही है.
दूसरी ओर, अमेरिका में तमाम लोगों ने लॉकडाउन और कोरोना संबंधी नियमों का उल्लंघन किया. अब अमेरिका कोरोना की तीसरी लहर का सामना कर रहा है. वह भी ऐसे समय जब राष्ट्रपति चुनाव में दो सप्ताह से भी कम समय बाकी है.
सितंबर के मध्य तक अमेरिका में दैनिक नए केस की संख्या में 40 फीसदी की कमी दर्ज की गई थी. अमेरिका में दूसरी लहर 67,000 दैनिक केस तक पहुंची थी, लेकिन सितंबर के मध्य तक दैनिक केसों की संख्या घटकर 39,900 रह गई.
फिलहाल अमेरिका में दैनिक नए केसों का सात-दिवसीय रोलिंग एवरेज करीब 60,000 है. नए संक्रमण के ताजा ट्रेंड के आधार पर विशेषज्ञों ने संकेत दिया है कि अमेरिका में तीसरी लहर ‘मजबूत’ है.
कम टेस्ट पॉजिटिविटी रेट
भारत के लिए अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि नए केस की संख्या के पीछे हर दिन बड़ी संख्या में हो रहे टेस्ट हैं. बुधवार को भारत ने रिकॉर्ड 14.7 लाख लोगों का टेस्ट किया, जिनमें से सिर्फ 54,000 लोग पॉजिटिव पाए गए, यानी टेस्ट पॉजिटिविटी रेट (TPR) 3.8 रहा.
कुल जितने लोगों का टेस्ट किया गया, उनमें से पॉजिटिव पाए गए लोगों के अनुपात को टेस्ट पॉजिटिविटी रेट यानी TPR कहते हैं. 3.8 फीसदी टीपीआर का मतलब है कि अगर 100 लोगों का टेस्ट किया गया तो उनमें से चार से कम लोग पॉजिटिव निकले.
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विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अगर दो हफ्ते तक टीपीआर 5 फीसदी से कम रहता है तो समझना चाहिए कि वायरस नियंत्रण में है. पिछले एक हफ्ते से भारत का टीपीआर 5 से 6 फीसदी के बीच है. जुलाई के अंत में ये 12.5 फीसदी था, जबकि उस समय कुल टेस्ट की संख्या आज के मुकाबले करीब आधी थी.
लेकिन हर राज्य में TPR एक-दूसरे से अलग होता है. भारत में करीब नौ राज्य ऐसे हैं जहां टीपीआर 10 से 20 फीसदी के बीच है. बाकी राज्यों में ये 10 फीसदी से कम है.
अमेरिका में पॉजिटिविटी रेट 5.6 फीसदी से थोड़ा ज्यादा है, लेकिन यहां भी क्षेत्रीय स्तर पर भारी अंतर है. अमेरिका के करीब 10 राज्य ऐसे हैं जहां टीपीआर 10 फीसदी से ज्यादा है और इनमें से तीन राज्यों में टीपीआर 10-30 फीसदी तक है.