केरल का वायनाड इन दिनों भयंकर त्रासदी झेल रहा है. भूस्खलन में अब तक 289 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग अभी भी लापता है. इस आपदा को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गहरी संवेदना व्यक्त की है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा कि जिल और मैं भारत के केरल में हुए विनाशकारी भूस्खलन से प्रभावित सभी लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.
उन्होंने कहा कि हमारी प्रार्थनाएं इस दुखद घटना के पीड़ितों के साथ हैं और हम उन परिवारों के साथ शोक व्यक्त करते हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है. हम बचाव कार्य में जुटे इंडियन सर्विसेज के सदस्यों और फर्स्ट रेस्पॉन्डर्स की बहादुरी की सराहना करते हैं. हम इस कठिन समय में भारत के लोगों के प्रति अपनी संवेदनाएं बनाए रखेंगे.
बता दें कि लैंडस्लाइड की वजह से चार गांव पूरी तरह तबाह हो चुके हैं. भारी बारिश के बीच कीचड़, चट्टानों और पेड़ों के बड़े-बड़े टुकड़ों की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. अट्टामाला, मुंडकई और चूरलमाला में फंसे लोगों निकालने के लिये आज रेस्क्यू ऑपरेशन की कोशिश की जा रही है. इसी बीच मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने गुरुवार को केरल पर टूटे कुदरत के इस कहर पर ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई थी. मीटिंग में विजयन ने कहा, वर्तमान में मुख्य प्राथमिकता फंसे हुए लोगों को बचाना है.
भारतीय सेना, भारतीय नौसेना (IN) और भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के साथ मिलकर बचाव अभियान चला रही है. हर टीम के साथ एक डॉग स्क्वायड भी है. मलबा हटाने और रेस्क्यू ऑपरेशन को सुविधाजनक बनाने के लिए पांच जेसीबी को पश्चिमी किनारे पर भेजा गया है. एजेंसी के मुताबिक, मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) प्रयासों के लिए सेना द्वारा कोझिकोड में एक कमांड और नियंत्रण केंद्र स्थापित किया गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "बचाव अभियान के लिए करीब 1,500 सैन्यकर्मियों को तैनात किया गया है. हमने फोरेंसिक सर्जनों को भी तैनात किया है."
भारतीय सेना के जवानों ने भूस्खलन स्थल के पास एक नदी पर रिकॉर्ड समय में बेली ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा कर लिया. पुल की मजबूती का परीक्षण करने के लिए सेना पहले अपने वाहनों को नदी के दूसरी ओर ले गई. काम पूरा होने के बाद निर्माण में शामिल सेना के जवानों ने 'भारत माता की जय' के नारे लगाए. पुल के बन जाने से अब भारी वाहनों को भूस्खलन स्थल तक ले जाया जा सकेगा.
कांग्रेस नेता और वायनाड से पूर्व सांसद राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी गुरुवार को केरल पहुंचे और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. दोनों ने वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित इलाकों में बनाए गए विभिन्न राहत शिविरों का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. इस दौरान राहुल ने कहा कि आज उन्हें वैसा ही महसूस हो रहा है जैसा अपने पिता राजीव गांधी की मौत पर हुआ था. उन्होंने कहा कि मेरी दिलचस्पी इस वक्त राजनीति में नहीं वायनाड के लोगों में हैं.
बता दें कि सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात वायनाड में जबरदस्त बारिश आफत बन गई. रात एक बजे से 5 बजे के बीच तीन बार लैंडस्लाइड हुई और इससे पहाड़ के नीचे चेलियार नदी के कैचमेंट में बसे चार खूबसूरत गांव चूरलमाला, अट्टामाला, नूलपुझा और मुंडक्कई में तबाही आ गई.