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लॉरेंस और रोहित गोदारा के लिए बनाता था फर्जी पासपोर्ट, राजस्थान पुलिस ने उत्तराखंड से किया गिरफ्तार

जानकारी मिली थी कि, गैंगस्टर्स अपनी पहचान छुपाकर विदेश जाने के लिए जिस फर्जी पासपोर्ट का उपयोग करते हैं वह फर्जी पासपोर्ट मुख्य रूप से राहुल सरकार नाम के शख्स के जरिए उपलब्ध करवाये जाते हैं. उक्त शातिर अपराधी पर  एजीटीएफ पहले से ही निगरानी रख रही थी.

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फर्जी पासपोर्ट बनाने के गिरोह का सरगना पकड़ा
फर्जी पासपोर्ट बनाने के गिरोह का सरगना पकड़ा

राजस्थान पुलिस के हाथों बड़ी सफलता लगी है. लॉरेंस गिरोह और रोहित गोदारा की गैंग की मदद करने वाले एक बड़े सरगना को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. सामने आया है कि इसकी पहचान राहुल सरकार के तौर पर हुई है, जिसे उत्तराखंड से गिरफ्तार किया गया है. अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध व एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स दिनेश एमएन के निर्देशन में एजीटीएफ पुलिस मुख्यालय एवं जिला बीकानेर ने संयुक्त कार्रवाई कर रोहित गोदारा / लॉरेंस गिरोह के सदस्यों लिए फर्जी पासपोर्ट तैयार कर विदेश भेजने वाले मुख्य सरगना राहुल सरकार को पकड़ लिया है. 
       
उप महानिरीक्षक पुलिस अपराध शाखा व एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स योगेश यादव के सुपरविजन व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विद्याप्रकाश के पर्यवेक्षण में पुलिस निरीक्षक रविन्द्र प्रताप सिंह और सुनिल कुमार की सूचना पर टीम को रवाना किया गया. जानकारी मिली थी कि, गैंगस्टर्स अपनी पहचान छुपाकर विदेश जाने के लिए जिस फर्जी पासपोर्ट का उपयोग करते हैं वह फर्जी पासपोर्ट मुख्य रूप से राहुल सरकार नाम के शख्स के जरिए उपलब्ध करवाये जाते हैं. उक्त शातिर अपराधी पर  एजीटीएफ पहले से ही निगरानी रख रही थी. इसके संबंध में दिल्ली एवं उत्तराखंड राज्यों में दबिश दी गई थी.
        
एजीटीएफ टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही कर अपराधी की लोकेशन का पता लगा कि राहुल सरकार उतराखण्ड में छुपा हुआ है. जिसे पीएचक्यू एजीटीएफ व बीकानेर पुलिस द्वारा उतराखण्ड नेपाल बॉर्डर से दस्तयाब किया गया. इससे संबंधित प्रकरण बीकानेर पुलिस द्वारा दर्ज किया गया है जिसमें जांच जारी है. पुलिस निरीक्षक रवींद्र प्रताप सिंह एवं सुनिल कुमार ने ही राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी हत्याकाण्ड के मुख्य अपराधियों को चण्डीगढ़ से गिरफ्तार करने में विशेष भूमिका निभाई थी.
        
रोहित गोदारा व लॉरेंस गैंग के जिन सदस्यों को विदेश भागने में मदद की गई है एवं फर्जी पासपोर्ट उपलब्ध करवाए गए हैं, उन सभी को भी एजीटीएफ द्वारा चिह्नित किया गया है. एजीटीएफ द्वारा इस रैकेट में शामिल अन्य अपराधियों की धर पकड़ हेतु कई राज्यों में दबिश दी जा रही है, जो अपराधी विदेश में हैं उनके विरुद्ध कानूनी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है.

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