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झांसी मेडिकल कालेज हादसे में 3 और बच्चों की मौत, अब तक कुल 15 मासूमों की गई जान

उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कालेज के शिशुवार्ड में 15 नवम्बर को आगजनी की घटना हुई थी, जहां एक तरफ 10 बच्चों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी तो वहीं दूसरी ओर 39 बच्चों को रेस्क्यू कर दूसरे वार्ड में भर्ती किया गया था.

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झांसी हॉस्पिटल अग्निकांड
झांसी हॉस्पिटल अग्निकांड

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के झांसी में हुए अग्निकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. मेडिकल कालेज में हुए दर्दनाक हादसे में मरने वाले नवजात शिशुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. अब तीन और बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है, जिसके बाद हादसे में मरने वाले बच्चों की कुल संख्या 15 हो गई है. इसकी पुष्टि कॉलेज के प्राचार्य नरेंद्र सिंह सेंगर ने की है. इनमें एक बच्चा वह है, जो हादसे के 36 घंटे बाद अपनी असली मां के पहुंचा था.

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15 नवम्बर को झांसी मेडिकल कालेज के शिशुवार्ड में आगजनी की घटना हुई थी, जहां एक तरफ 10 बच्चों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी तो वहीं दूसरी ओर 39 बच्चों को रेस्क्यू कर दूसरे वार्ड में भर्ती किया गया था. भर्ती बच्चों में मरने वाले बच्चों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है. हादसे के बाद अब तक भर्ती बच्चों में 5 बच्चों की मौत हो गई है, जिसमें 3 बच्चों की 24 घंटे कें अदर मौत हो गई है, जिनके शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं.

हादसे के 36 घंटे बाद मिला था बच्चा, अब हुई मौत

मरने वालों में एक बच्चा ऐसा है, जो हादसे के 36 घंटे बाद अपने असली माता-पिता मिला था लेकिन उन माता-पिता की यह खुशी शायद ऊपर वाले को मंजूर नहीं थी और अब वही बेटा उनसे छिन गया है. इसके बाद बच्चे की मां लक्ष्मी का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है.

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झांसी के रक्सा थाना क्षेत्र में रहने वाले महेंद्र बताते हैं कि खैराती में उनकी पत्नी की डिलीवरी 13 तारीख को हुई थी. 15 तारीख को वह इधर आए और भर्ती करा दिया, तभी वार्ड में आग लग गई थी. जानकारी मिलते ही हम भाग कर पहुंचे और एक बच्चे को हमने भर्ती करा दिया लेकिन बाद में पता चला यह बच्चा उनका नहीं है. बाद में उन्हें उनका असली बेटा मिल गया था. अब उनके बेटे की मौत हो चुकी है.

यह भी पढ़ें: Jhansi Medical College Fire News: झांसी मेडिकल कॉलेज हादसे के मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन?

वहीं, इसी थाना क्षेत्र में रहने वाले बॉबी का कहते हैं, "हमारी पत्नी काजल की डिलीवरी खैराती अस्पताल में हुई थी. इसके बाद बच्चे को मेडिकल कालेज लेकर आ गए, जहां उसे भर्ती करा दिया गया. वहां आग लगने की वजह से बच्चे को दूसरे वार्ड में भर्ती करा दिया गया. यहां इलाज के दौरान अब उसकी भी मौत हो गई.

कालेज के प्राचार्य  नरेंद्र सिंह ने बताया कि 3 और बच्चों की मौत हुई है. यह बच्चे बीमारी के कारण मरे हैं, यह किसी प्रकार जले नहीं थे.

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य नरेंद्र सिंह सेंगर कहते हैं, "15 तारीख की रात में NICU वार्ड में आग की घटना हुई थी, उसमें 39 रेस्क्यू किए गए थे. 10 बच्चों की जलने की वजह से मौत हुई थी. इस दौरान 39 बच्चे रेस्कयू किए गए थे, उनमें से अब तक 5 बच्चों की मौत बीमारी के कारण हो चुकी है. अब तीन और बच्चों की मौत हुई है. इनको कोई भी बर्न इंजरी नहीं थी, इनकों किसी तरह स्मोक इफेक्ट नहीं था. 

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