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जातीय समीकरण, 9 सीटों का खेल... लोकसभा चुनाव से पहले योगी कैबिनेट का विस्तार क्यों है जरूरी?

आगामी लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में योगी कैबिनेट का विस्तार होने जा रहा है. इसको लेकर सियासी सरगर्मी तेज है. पिछले छह महीने से इस मंत्रिमंडल के विस्तार की संभावना थी. इसके जरिए बीजेपी की मऊ और आसपास की 9 सीटों को साधने की कोशिश है.

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योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश में योगी मंत्रिमंडल का आज विस्तार होगा. इसको लेकर सियासी सरगर्मी तेज है. माना जा रहा है कि यह मंत्रिमंडल छोटा होगा, जिसमें चार से पांच विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी. बड़ा सवाल ये है कि बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार करने क्यों जा रही है?

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मंत्रिमंडल विस्तार का सीधा असर बीजेपी के सामाजिक समीकरणों और चुनाव में वोटों के बड़े इजाफे के तौर पर देखा जा रहा है. मंत्रिमंडल विस्तार टलता रहा है लेकिन अब लोकसभा चुनाव के बिगुल से पहले उत्तर प्रदेश कैबिनेट का विस्तार हो रहा है. मसलन, बीजेपी इस मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए अपने सामाजिक समीकरणों को साधने की कोशिश में है.

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मंत्रिमंडल विस्तार से 9 सीटों को साधने की कोशिश

ओपी राजभर अपने साथ राजभर बिरादरी का वोट लेकर के आते हैं, बीजेपी के लिए उस तरह फलदाई साबित होगा जैसे 2022 के चुनाव में अखिलेश यादव को मऊ और उसके आसपास की 9 सीटों पर हुआ था. वहीं दूसरी तरफ आरएलडी के साथ में गठबंधन से भी राज्य सरकार में एक से दो मंत्री और केंद्र सरकार में भी पद दिया जाना है, जिसको लेकर अब सभी समीकरण सटीक नजर आते हैं.

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ओपी राजभर समेत इन नामों की चर्चा

सूत्रों के मुताबिक, ये बेहद छोटा मंत्रिमंडल विस्तार होगा. एसबीएसपी के ओमप्रकाश राजभर के अलावा आरएलडी की तरफ से पुरकाजी के विधायक अनिल कुमार और बुढ़ाना से विधायक दल के नेता राजपाल बालियान के नाम की चर्चा है, जो मंत्री बनाए जा सकते हैं. इनमें अनिल कुमार की हवा ज्यादा है, जो दलित जाटव समाज से आते हैं. इस मंत्रिमंडल विस्तार के जरिए आरएलडी और बीजेपी जाट, गुर्जर और दलित समीकरण साधने की जुगत में है.

दारा सिंह चौहान और  सुनील शर्मा बन सकते हैं मंत्री

योगी कैबिनेट में बीजेपी की तरफ से दारा सिंह चौहान को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा. पार्टी ने उन्हें दिनेश शर्मा की खाली हुई सीट से विधान परिषद भेजा था. वह पहले भी योगी कैबिनेट का हिस्सा रहे हैं लेकिन 2022 के चुनाव में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे. 

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गाजियाबाद के साहिबाबाद विधानसभा से विधायक सुनील शर्मा की भी चर्चा है, जिन्हें योगी कैबिनेट में जगह मिल सकती है. 2022 के विधानसभा चुनाव में साहिबाबाद सीट पर उन्होंने रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी. सूत्रों की मानें तो उन्हें लखनऊ पहुंचने के लिए कहा गया है. मसलन, मंत्रिमंडल विस्तार में 4-6 विधायकों को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है.

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सहयोगी दलों को एक-एक एमएलसी सीट

बीजेपी की सहयोगी दलों को एक-एक एमएलसी की सीट दिए जाने का फैसला हुआ है. अपना दल(एस) की तरफ से खुद मंत्री आशीष पटेल एमएलसी बनेंगे. वहीं आरएलडी की तरफ से योगेश चौधरी एमएलसी बनेंगे और सूत्रों की मानें तो एक एमएलसी की सीट ओपी राजभर की पार्टी को भी मिलेगी, लेकिन पार्टी की तरफ से किसी के नाम की चर्चा फिलहाल नहीं है.

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