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बिहार, बंगाल के बाद अब उत्तराखंड में बवाल... तनाव के बाद 700 लोगों पर FIR

यह घटना सोमवार शाम को हल्द्वानी के भोटिया पराव इलाके में हुई. दो समुदायों के बीच उस समय तनाव भड़क गया, जब हिंदू संगठनों से जुड़े कुछ लोगों ने आवास विकास कॉलोनी में मुस्लिम समुदाय के लोगों के वजू करने का विरोध किया. वजू इस्लाम की ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें शरीर को शुद्ध करने के लिए मुंह, सिर, पैर और दोनों हाथों को कुहनियों तक पानी से अच्छी तरह से धोया जाता है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

उत्तराखंड के हल्द्वानी में दो समूहों के बीच झड़प में 700 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है. यह झड़प सार्वजनिक स्थान पर कुछ नमाजियों के वजू करने की वजह से हुई. 

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यह घटना सोमवार शाम को हल्द्वानी के भोटिया पराव इलाके में हुई. दो समुदायों के बीच उस समय तनाव भड़क गया, जब हिंदू संगठनों से जुड़े कुछ लोगों ने आवास विकास कॉलोनी में मुस्लिम समुदाय के लोगों के वजू करने का विरोध किया. हालांकि, नमाज अधिवक्ता जफर सिद्दीक के घर पर अदा की जा रही थी. लेकिन नमाज से पहले एक प्लॉट में वजू करने की वजह से हिंदू संगठनों के कुछ लोगों ने इसका विरोध किया. यहां मुस्लिम नमाज अदा करने से पहले वजू कर रहे थे. 

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यह तनाव उस समय भड़क गया, जब हिंदू संगठन के कुछ सदस्य इलाके में इकट्ठा हो गए और इमाम शाहिद हुसैन को थप्पड़ जड़ दिया. हुसैन ही इस सामूहिक नमाज कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे थे. हुसैन ने मामले में एफआईआर दर्ज कराई है. जिस घर में नमाज अदा की जा रही थी, उस घर के मालिक सिद्दीक ने भी पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है. 

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भोटिया पराव के एसएचओ हरेंद्र चौधरी सूचना मिलने पर पुलिसबल के साथ मौके पर पहुंचे और यह पता चलने के बाद वकील की संपत्ति सील कर दी कि उसका निर्माण अवैध तरीके से किया गया है. 

एसएचओ ने बताया कि हमने आईपीसी की विभिन्न धाराओं 147, 332, 341 और 353 के तहत 700 से 800 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. हाईवे को ब्लॉक करने और हिंसा भड़काने के लिए यह मामला दर्ज किया गया है. 

क्या होता है वजू?

बता दें कि नमाज अदा करने से पहले मुस्लिम समुदाय के लोग शारीरिक शुद्धता के लिए वजू करते हैं. वजू इस्लाम धर्म की ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें शरीर को शुद्ध करने के लिए मुंह, सिर, पैर और दोनों हाथों को कुहनियों तक पानी से अच्छी तरह से धोया जाता है. इस्लाम धर्म में वजू करने के बाद ही नमाज पढ़ी जा सकती है या अल्लाह की इबादत की जा सकती है.

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