दीपावली के दिन उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक हादसा हुआ जिसमें 41 मजदूर एक टनल के अंदर फंस गए. हादसे को 12 दिन आज हो गए. अब जाकर उनके बाहर निकलने की उम्मीद नजर आ रही है. अभी जब हम ये बातचीत कर रहे हैं तो कहा जा रहा है कि इसके कुछ घण्टे में ही मजदूर बाहर होंगे. रेस्क्यू ऑपरेशन में आखिरी स्टेप भी लिया जा चुका है. अब टनल के अंदर आखिरी 800 mm का पाइप डाला जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन टीम के सदस्यों में से एक गिरीश सिंह रावत ने भी इसकी पुष्टि की. उन्होंने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग आखिरी चरण में है, उम्मीद है 1-2 घंटे में मजदूर बाहर आ जाएंगे. 12 क्यों लग गए रेस्क्यू में? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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जिन पाँच राज्यों में चुनाव होने थे उनमें से तीन राज्यों के लिए वोटिंग हो चुकी है और आज राजस्थान में चुनाव प्रचार का अंतिम दिन है. यानी रैलियाँ,रोड शो आज के बाद नहीं होगा. हालांकि इसके बाद भी प्रत्याशी घर घर जा के जनसम्पर्क कर सकते हैं. फिर 25 नवंबर को यहाँ वोटिंग होनी है. प्रधानमंत्री से लेकर विभिन्न राज्यों के सीएम और केन्द्रीय मंत्री भी सूबे में चुनाव प्रचार में जुटे हैं. आज भी यहाँ कई बड़े नेताओं की सभा होनी है.
25 नवंबर यानी परसों यहाँ 200 सीटों में से 199 के लिएवोटिंग होगी. चूंकि श्रीगंगानगर जिले की करणपुर विधानसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी का हाल ही में निधन हो गया था. लिहाजा उस सीट के लिए अभी वोटिंग नहीं होगी. राजस्थान में एक रिकॉर्ड और है कि बीते तीन विधानसभा चुनावों से कभी भी सभी 200 सीटों पर एक साथ चुनाव नहीं हो पाए हैं और इस बार भी दुर्भाग्यवश वही परिस्थिति बनी. राजस्थान में अब तक का चुनाव प्रचार कैसा रहा और क्या बदला इस बार पिछली बार के मुकाबले? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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मौसम इस वक्त पूरी तरह करवट ले चुका है. आप दिल्ली में हैं तो ये ज़रूर कहा जा सकता है कि बिना स्वेटर शाम को बाहर निकलना मुश्किल है. लेकिन ठीक उसी सर्दी में दिल्ली से सटे पंजाब में किसान सड़कों पर हैं. पंजाब के जालंधर में किसानों का ये प्रदर्शन कई दिन से चल रहा है. कल रात भी किसानों ने वहाँ की सड़कों पर ही रात गुजारी. एमएसपी सहित कई माँगें लिए हुए किसानों को मीटिंग का आश्वासन प्रदेश सरकार ने दिया था लेकिन कल मीटिंग के लिए कोई नहीं आया. पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान का इस पर कहना था कि हर बात के लिए सड़कें बंद करके आम लोगों को अपने खिलाफ न करें. सरकार से बात करने के लिए चंडीगढ़ का पंजाब भवन, सचिवालय, कृषि मंत्री का कार्यालय और मेरा कार्यालय आपके नज़दीक है. अगर यही रवैया रहा तो वह दिन दूर नहीं जब धरना देने के लिए लोग नहीं मिलेंगे. उधर किसान संगठनों ने ये कहा है कि ठीक है अगर मांगें नहीं मानी गई तो हम सीएम आवास तक भी प्रदर्शन करेंगे. सवाल ये कि उनकी मांगें क्या हैं और आज प्रदर्शन को लेकर किसान क्या प्लान कर रहे हैं? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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