scorecardresearch
 

बिहार के बाद बंगाल में शुरू हुई 'वैक्सीन ऑन बोट', सुंदरबन के टापुओं तक भेजे जा रहे टीके

बंगाल सरकार बोट के जरिए वैक्सीन को सुंदरबन के दूर दराज स्थित टापुओं तक भेज रही है. इतना ही नहीं बोट पर ही लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है. दरअसल, बिहार में भी बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में टीके वाली नाव चलाई जा रही है.

Advertisement
X
vaccine on boats
vaccine on boats
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बिहार के बाद अब बंगाल में शुरू हुई वैक्सीन ऑन बोट
  • सुंदरबन डेल्टा बोट से पहुंचाई जा रही वैक्सीन

बिहार में 'टीके वाली नाव' के बाद के बाद अब बंगाल में भी कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन को तेज करने के लिए वैक्सीन ऑन बोट कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. यहां सरकार बोट के जरिए वैक्सीन को सुंदरबन के दूर दराज स्थित टापुओं तक भेज रही है. इतना ही नहीं बोट पर ही लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही है. दरअसल, बिहार में भी बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में टीके वाली नाव चलाई जा रही है.

Advertisement

क्यों शुरू किया गया कार्यक्रम?

इस कार्यक्रम को शुरु करने के पीछे कई वजहें हैं. सुंदरबन डेल्टा इलाका है. दुनिया के इस सबसे बड़े डेल्टा इलाके में कई टापू हैं. लेकिन इन तक सिर्फ जलमार्ग से पहुंचा जा सकता है. कई द्वीप तो ऐसे हैं जहां पहुंचने में बोट से 3 से 5 घंटे का समय लग जाता है. ऐसा ही एक द्वीप है छोटो मोल्ला खाली, यहां बोट के जरिए पहुंचने में 3.5 घंटे का सफर करना पड़ता है. इस टापू तक वैक्सीन पहुंचाने का एकमात्र सहारा बोट है. इन द्वीपों के आगे बांग्लादेश की सीमा लगती है. 

इन टापुओं पर हजारों लोग रहते हैं. इन लोगों के पास वैक्सीन लेने का एकमात्र सहारा बोट है, क्योंकि यहां के स्वास्थ्य केंद्रों में वैक्सीन की व्यवस्था नहीं है. 

 
वैक्सीन के लिए लोग आ रहे आगे

Advertisement

इस टापू तक जब साढ़े तीन घंटे का सफर तय करके वैक्सीन ऑन बोट पहुंची तो बड़ी संख्या में यहां लोग इकट्ठा हो गए. करीब 100 लोग वैक्सीन के लिए घंटों इंतजार में खड़े रहे. वैक्सीन लगवाने आए जगदीश चंद्र वैद्य वैक्सीन के लिए रात से लाइन में खड़े थे. उन्होंने आजतक से बातचीत में बताया कि उन्हें वैक्सीन की पहली डोज लिए 109 दिन हो गए. दो बार अस्पताल का चक्कर लगा चुके हैं. लेकिन नंबर नहीं आया. लेकिन अब वैक्सीन बोट आने से उनका इंतजार खत्म हो गया. 

रजिस्ट्रेशन में लगता है वक्त

इन सुदूर इलाकों में वैक्सीनेशन का काम काफी मुश्किल है. यहां इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या है. ऐसे में लोगों को घंटों रजिस्ट्रेशन के लिए इंतजार करना पड़ता है. इन टापुओं पर मगरमच्छ और जंगली जानवरों के चलते भी जिंदगी काफी कठिन है. लेकिन वैक्सीन का इन लोगों तक पहुंचना कोरोना से लड़ाई को कारगर साबित कर रहा है.

 

Advertisement
Advertisement