रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि साल 2023 से फरवरी 2025 तक ट्रेनों, खासतौर पर वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव के कुल 7,971 मामले सामने आए हैं. इन मामलों में 4,549 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. लोकसभा में बीजेपी सांसद धर्मपुरी अरविंद ने इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार से पूछा कि क्या पथराव की घटनाओं के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए कोई रिपोर्ट तैयार की गई है.
इसके जवाब में रेलवे मंत्री ने कहा, 'हर मामले में कानूनी कार्रवाई की जाती है और दोषियों के खिलाफ उचित जांच के बाद मुकदमा चलाया जाता है.'
पथराव से रेलवे को 5.79 करोड़ रुपये का नुकसान
मंत्री ने बताया कि इस दौरान पथराव से ट्रेनों को हुए नुकसान की मरम्मत में रेलवे को 5.79 करोड़ रुपये का खर्च उठाना पड़ा. इसमें वंदे भारत ट्रेनों के डिब्बों की मरम्मत का खर्च भी शामिल है. रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने राज्य सरकार की रेलवे पुलिस (GRP) और जिला पुलिस के साथ मिलकर पथराव रोकने के लिए कई उपाय किए हैं, जिनमें शामिल है.
लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान – रेलवे ट्रैक के पास रहने वाले लोगों को समझाया जा रहा है कि पथराव से यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है और इसके गंभीर कानूनी परिणाम हो सकते हैं.
सख्त निगरानी – जहां-जहां सबसे ज्यादा पथराव की घटनाएं होती हैं, वहां सुरक्षा बलों को अधिक सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं.
सुरक्षा समिति का गठन – हर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी और समीक्षा के लिए स्टेट लेवल सिक्योरिटी कमेटी (SLSCR) बनाई गई है. इसमें राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) या पुलिस आयुक्त (CP) अध्यक्ष होते हैं.
रेलवे मंत्री ने कहा कि एंटी-सोशल एलिमेंट्स (शरारती तत्वों) के खिलाफ नियमित अभियान चलाए जा रहे हैं और सुरक्षा बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा रहे हैं.