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वंदे मातरम को जन गण मन के बराबर दर्जे की मांग, दिल्ली HC ने केंद्र को भेजा नोटिस

वंदे मातरम (vande mataram) को जन गण मन (jana gana mana) के बराबर दर्जा देने की मांग उठी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.

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दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई (सांकेतिक फोटो)
दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार भी लगाई (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सामाजिक कार्यकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दायर की
  • गृह मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय को कोर्ट का नोटिस

ऐतिहासिक स्मारकों पर विवाद के बीच अब वंदे मातरम का मुद्दा कोर्ट में पहुंच गया है. दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई है कि वंदे मातरम को राष्ट्रगान के बराबर दर्जा दिया जाए. इसपर कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. छह हफ्ते के अंदर केंद्र सरकार को इसपर जवाब देना है. अगली सुनवाई के लिए 9 नवंबर 2022 की तारीख तय की गई है.

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दिल्ली हाईकोर्ट में यह याचिका अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दायर की है. अश्विनी कुमार उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि वंदे मातरम का भारत की आजादी के संघर्ष में बड़ा योगदान है, इसलिए इसे 'जन गण मन' के बराबर दर्जा मिलना चाहिए.

इसपर जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने गृह मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, कानून और न्याय मंत्रालय को नोटिस भेजा है.

याचिका में कहा गया है कि वंदे मातरम और जन गण मन दोनों को सभी स्कूलों में प्रार्थना के दौरान बजाया जाए, कोर्ट को यह सुनिश्चित करना चाहिए.

याचिकाकर्ता को कोर्ट से फटकार भी लगी

सामाजिक कार्यकर्ता अश्विनी उपाध्याय को दिल्ली हाईकोर्ट ने फटकार भी लगाई. कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि याचिका पब्लिसिटी पाने के लिए दायर की  गई है. कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि मामले की लिस्टिंग होने से पहले ही उपाध्याय मीडिया में इसपर बातें कर रहे थे.

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