काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में ज्ञानवापी मस्जिद श्रृंगार गौरी विवाद में सर्वेक्षण यानी एएसआई रिपोर्ट में कम से कम आठ हफ्ते और लगेंगे. एएसआई ने वाराणसी जिला अदालत से आठ हफ्ते की मोहलत मांगी है. ये दूसरी दफा है जब एएसआई ने मोहलत मांगी हैं इससे पहले भी अगस्त में चार हफ्ते की मोहलत मिली थी. जब मामला सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट गया था और सर्वे कुछ दिनों के लिए स्थगित हो गया था.
वाराणसी के जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में एएसआई ने विशेष याचिका दायर की जिसमें ये मोहलत मांगी गई है. दरअसल एएसआई को दो सितंबर तक रिपोर्ट कोर्ट के पास सौंपनी थी. आठ सितंबर को रिपोर्ट के विभिन्न पहलुओं पर सुनवाई होनी है. रिपोर्ट की बजाय एएसआई ने तो वो अर्जी सौंप दी जिसमें दो महीनों की मोहलत बढ़ाने की गुजारिश की गई है. एएसआई को जांच शुरू किए शनिवार को 28 दिन पूरे हो गए.
इस कानूनी विवाद में हिंदू पक्षकारों के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि अगली सुनवाई में ही पता चलेगा कि कोर्ट एएसआई को रिपोर्ट सौंपने के लिए कितनी मोहलत देता है. वैसे भी कोर्ट में रिपोर्ट आने के बाद ही आगे सुनवाई की राह आसान होगी.
ज्ञानवापी परिसर में एएसआई के विशेषज्ञों की टीम के सर्वे का अभियान इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद चार अगस्त से लगातार जारी है. अब तक एएसआई के 40 विशेषज्ञों की टीम ने ग्राउंड पेनिट्रेशन रडार सिस्टम यानी जीपीआरएस सहित अत्याधुनिक उपकरणों की मदद और पारंपरिक तकनीक के जरिए ज्ञानवापी परिसर में बने ढांचे और इसके तहखानों से लेकर गुंबद और शीर्ष की नाप जोख कर विस्तृत सर्वेक्षण किया.