तूतीकोरिन प्लांट में मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन को जारी रखने के लिए वेदांता ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है.इस मामले में वेदांता समूह की तरफ से वकील हरीश साल्वे ने कहा कि प्लांट में मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन को जारी रखने की इजाजत दी जाए.
हरीश साल्वे की इस दलील का तमिलनाडु सरकार ने विरोध किया और कहा कि राज्य के पास पर्याप्त ऑक्सीजन है. अब संयत्र को चलाए जाने की कोई जरूरत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट अब इस केस की अगली सुनवाई 6 अगस्त को करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने 27 अप्रैल को 31 जुलाई तक के लिए वेदांता समूह को प्लांट खोलने की इजाजत दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि परिस्थितियों के आधार पर ही भविष्य में निर्णय लिया जाएगा. दरअसल कोरोना की दूसरी लहर में देशभर में बड़ी संख्या में ऑक्सीजन की किल्लत देखने को मिली थी. ऑक्सीजन की कमी की वजह से लोगों की मौतें हुई थीं, वहीं ऑक्सीजन प्लांट के बाहर लंबी कतारें देखने को मिल रही थीं.
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तांबा संयंत्र पर जारी है रोक
ऑक्सीजन संकट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कई सालों से बंद पड़े प्लांट को फिर से खोलने की मंजूरी दी थी. वेदांता समूह को उसके तूतीकोरिन प्लांट को फिर से शुरू करने की इजाजत मिल गई थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि तांबा संयंत्र दोबारा नहीं शुरू किया जा सकता.
1000 हजार टन ऑक्सीजन हर दिन तैयार करता है ये प्लांट
ऑक्सीजन की किल्लत के बीच इस प्लांट से बड़ी राहत मिली थी. स्टरलाइट कॉपस के तूतीकोरिन प्लांट में ऑक्सीजन बनाने वाले दो संयंत्र हैं. इनकी कुल क्षमता हर दिन 1,000 टन ऑक्सजीन बनाने की है. तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित स्टरलाइट कॉपर संयंत्र को साल 2018 में बंद किया गया था.