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राजनाथ सिंह के बयान के बाद सियासी घमासान, सावरकर के पोते ने भी दिया बयान

वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने बताया कि महात्मा गांधी ने 1920 में सावरकर के भाई को दया याचिका दायर करने के लिए चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने ये भी कहा कि सावरकर ने कभी अंग्रेजों से माफी नहीं मांगी.

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सावरकर के पोते रंजीत सावरकर (फाइल फोटो)
सावरकर के पोते रंजीत सावरकर (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सावरकर के पोते रंजीत सावरकर बोले
  • सावरकर ने अंग्रेजों से माफी नहीं मांगी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में कहा कि वीर सावरकर (Veer Savarkar) ने महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के कहने पर दया याचिका लगाई थी. इस बारे में जब सावरकर के पोते रंजीत सावरकर (Ranjeet Savarkar) से आजतक ने बात की तो उन्होंने बताया कि गांधी ने सावरकर के भाई को याचिका दायर करने को कहा था.

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रंजीत सावरकर ने बताया कि 1920 में गांधी ने सावरकर के भाई को याचिका दायर करने के लिए पत्र लिखा था और उसके बाद याचिका लगाई गई थी. उन्होंने कहा, 'सावरकर ने 1913 के बाद कई याचिकाएं लगाई थीं जो सभी कैदियों की रिहाई के लिए थी. इसमें उन्होंने ये भी कहा था कि अगर मेरी रिहाई अन्य कैदियों की रिहाई में आड़े आ रही है तो उन्हें रिहा कर देना चाहिए.'

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि सावरकर ने अपने किसी भी लेटर में अंग्रेजों से माफी नहीं मांगी थी और न ही खेद जताया था. बस ये याचिकाएं दायर की थीं, जिन्हें अंग्रेजों ने दया याचिका नाम दे दिया था. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी चुनाव सामने होते हैं, तब कांग्रेस राजनीतिक फायदे के लिए सावरकर के नाम का इस्तेमाल करती है.

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ये भी पढ़ें-- 'गांधी के कहने पर सावरकर ने अंग्रेजों के सामने डाली थी दया याचिका', बोले राजनाथ सिंह

क्या कहा था राजनाथ सिंह ने?

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि जेल में बंद सावरकर ने महात्मा गांधी के कहने पर ही अंग्रेजों को दया याचिका लिखी थी. इस बारे में वो बताते हैं कि सावरकर को लेकर कई तरह झूठ फैलाए गए हैं. ऐसा कहा गया था कि सावरकर ने अंग्रेजों के सामने कई बार दया याचिका डाली थी. लेकिन सच तो ये है कि सावरकर ने ये सब गांधी जी के कहने पर किया था. उन्हीं के कहने पर उन्होंने जेल में बैठ दया याचिका दाखिल की थी.

 

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