Padma Awards 2022: गुजरे जमाने की प्लेबैक सिंगर संध्या मुखर्जी ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्मा पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया. बंगाल फिल्म इंडस्ट्री की सबसे वरिष्ठ पार्श्व गायिका और संगीतकार 90 वर्षीय मुखर्जी को केंद्र सरकार ने मंगलवार दोपहर एक फोन कॉल पर बताया कि वे उन्हें पद्मश्री सम्मान देने जा रहे हैं.
महान गायिका संध्या मुखोपाध्याय की बेटी सौमी सेनगुप्ता ने इंडिया टुडे को फोन पर बताया कि उनकी मां ने पद्म श्री पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि 90 साल की उम्र के बाद उनके जैसी दिग्गज को पद्मश्री प्रदान करना बेहद अपमानजनक बात है.
संध्या मुखर्जी को 60 और 70 के दशक की सबसे मधुर आवाज माना जाता है. उन्होंने हजारों बंगाली और गैर-बंगाली गाने गाए हैं. संध्या और हेमंत मुखर्जी की जोड़ी को आज भी संगीत प्रेमी याद करते हैं.
2011 में संध्या मुखर्जी को पश्चिम बंगाल का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'बंग विभूषण' मिला था. उन्हें 'जय जयंती' नाम की एक बंगाली फिल्म के लिए 1970 में सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी मिल चुका है.
पद्म भूषण सम्मान पाने वालों में एक नाम पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का भी है. उन्होंने भी इस पुरस्कार को लेने से इनकार कर दिया है.
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सरकार ने पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया है. इस बार चार हस्तियों को पद्म विभूषण सम्मान दिया गया है, 17 को पद्म भूषण सम्मान और 107 लोगों को पद्मश्री पुरस्कार दिया गया है.
इनपुट- ऋतिक मंडल